Earthquake Today: कर्नाटक में आज (शुक्रवार) सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र कर्नाटक के विजयपुरा जिले में था, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई. इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक, ये भूकंप सुबह 6.52 बजे आया. जिसका केंद्र धरती की सतह से 10 किमी की गहराई में था.
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बता दें कि हाल के दिनों में कर्नाटक में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इससे पहले 20 नवंबर को भी कर्नाटक में भूकंप आया था. इस भूकंप का केंद्र तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से 255 किमी और नागपुर से 265 किलोमीटर दूर बताया गया था. तब कर्नाटक के साथ-साथ तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके बाद 19 नवंबर की शाम अरब सागर में भी भूकंप आया. एनसीएस के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई थी. ये भूकंप शाम 6.36 बजे अरब सागर में आया था.
इस साल 97 बार कांपी भारत की धरती
बता दें कि इस साल भारत में एक के बाद एक कई बार धरती कांपी. इस दौरान कभी हल्के तो कभी भूकंप के तेज झटकों से लोग सहम गए. इसे लेकर बुधवार को सरकार की ओर से भी एक बयान सामने आया. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उत्तरी भारत और नेपाल में भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव के चलते कभी-कभी मध्यम भूकंप आना आम बात है, क्योंकि ये क्षेत्र एक्टिव फॉल्ट्स के पास स्थित है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने अल्मोडा फॉल्ट का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी नेपाल में अल्मोडा फॉल्ट की सक्रियता उत्तर भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप का कारण थी.
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रिजिजू ने कहा कि जिसके चलते 24 जनवरी को 5.8 तीव्रता का भूकंप आया. उसके बाद 3 अक्टूबर और 3 नवंबर को 6.2 और 6.4 तीव्रता के भूकंप आए. केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि, इन झटकों के बाद में कई और झटके महसूस किए गए. जिसके चलते 2023 में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि हुई. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तरी भारत और नेपाल में जनवरी से नवंबर तक 3.0 से लेकर 3.9 तीव्रता के 97 भूकंप दर्ज किए गए हैं. जबकि 2021 में ये संख्या 41 थी और 2020 में 42 भूकंप आए.
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इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस क्षेत्र में जनवरी से नवंबर के बीच 4.0-4.9 तीव्रता के 21 भूकंप दर्ज किए गए हैं. जबकि 2022 में 20 और 2020 और 2021 में यहां 18-18 भूकंप आए थे. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत का पड़ोसी उत्तरी भाग हिमालय क्षेत्र के एक्टिव फॉल्ट्स के पास स्थित है. जिसे भूकंप के लिए अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र माना जाता है. ऐसे में यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. इस इलाके में टेक्टोनिक्स प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण अक्सर भूकंप आते हैं. इस इलाके में भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से नीचे झुकती है.
HIGHLIGHTS
- कर्नाटक में सुबह-सुबह महसूस किए गए भूकंप के झटके
- सुबह 6.52 बजे 3.1 तीव्रता से आया भूकंप
- देश में इस साल अब तक आए 97 भूकंप के झटके
Source : News Nation Bureau