भुवनेश्वर, ओडिशा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक अपनी पार्टी के भाजपा के हाथों सत्ता गंवाने के बाद नई ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे. पत्रकारों से बात करते हुए, पटनायक ने कहा कि, यह निर्णय बुधवार को हुई बीजद विधायक दल की बैठक में लिया गया है. उन्होंने कहा कि, बीजद के विधायकों की बैठक उन्हें विपक्ष के नेता और बीजद विधायक दल के नेता के रूप में चुना है. उन्होंने बताया कि, इस बैठक में हालिया चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई.
मैं और मेरी पार्टी ओडिशा के लोगों के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे : पटनायक
गौरतलब है कि, राज्य के पूर्व मंत्री और रायराखोल विधायक प्रसन्ना आचार्य को विपक्ष का उपनेता नामित किया गया है, जबकि बिंझारपुर की विधायक और पूर्व स्पीकर प्रमिला मलिक सदन में विपक्ष की मुख्य सचेतक होंगी.
पटनायक ने औल के विधायक, पूर्व मंत्री प्रताप केशरी देब को विधानसभा में विपक्ष के उप मुख्य सचेतक के रूप में नामित किया है.
विधायक प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि, वह अब ओडिशा के इतिहास में सबसे मजबूत विपक्ष हैं. पिछले 24 वर्षों से, उन्होंने ओडिशा के लोगों की सेवा की है. हर महीने, हर साल, हर दिन और हर घंटे, उन्होंने ओडिशा के विकास और प्रगति पर खर्च किया है. उन्होंने कहा कि, अब वह विपक्ष के तौर पर भी लोगों के लिए काम करते रहेंगे.
विपक्ष की मुख्य सचेतक मलिक ने कहा कि, बीजद विधानसभा में किसानों, युवाओं और महिलाओं के हितों के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
ऐसा है राज्य का सियासी गणित
गौरतलब है कि, राज्य में 24 वर्षों तक शासन करने वाली बीजद हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथों सत्ता खो बैठी. 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में जहां बीजेपी ने 78 सीटें हासिल कर सरकार बनाई, वहीं बीजेडी ने 51 सीटें हासिल कीं. कांग्रेस को 14 सीटें मिलीं, सीपीआई को एक सीट मिली और तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की.
ओडिशा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले पटनायक पहली बार विपक्ष का नेतृत्व करेंगे. वह 2000 में सीएम बने और 2009 तक भाजपा के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया. गठबंधन टूटने के बाद, पटनायक ने अकेले ही 2009, 2014 और 2019 में हुए तीन और विधानसभा चुनावों में बीजद को जीत दिलाई.
Source : News Nation Bureau