पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उनका सम्मान तब कई गुना बढ़ गया, जब उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा देने की उनकी इच्छा ठुकरा दी. देवेगौड़ा ने उक्त घटना को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी को चुनौती दी थी कि अगर भाजपा 276 सीटें जीतकर अपने दम पर सत्ता में आई तो वह लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे. देवेगौड़ा ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा था कि अगर आप 276 सीटें जीतते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. आप दूसरों के साथ गठबंधन करके शासन कर सकते हैं, लेकिन आप अपने दम पर 276 सीटें जीतते हैं, तो मैं (लोकसभा से) इस्तीफा दे दूंगा.’
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अपने दम पर सत्ता में आई, जिसके बाद उन्हें अपने किए वादे को पूरा करने की इच्छा हुई. जद(एस) संरक्षक ने याद करते हुए कहा कि जीत के बाद मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. देवेगौड़ा ने कहा कि समारोह समाप्त होने के बाद उन्होंने मोदी से मिलने का समय मांगा, जिसके लिए वह सहमत हो गए. उन्होंने कहा कि जब उनकी कार संसद के बरामदे में पहुंची तो प्रधानमंत्री मोदी खुद वहां उनका स्वागत करने पहुंचे.
देवेगौड़ा ने कहा, ‘मुझे तब घुटने में दर्द था, जो अभी भी है. वह जिस भी तरह के व्यक्ति हों, उस दिन जब मेरी कार वहां पहुंची, मोदी खुद आए, मेरा हाथ पकड़कर मुझे अंदर ले गए. यह व्यवहार उस व्यक्ति के लिए था, जिसने उनका (मोदी) इतना विरोध किया था.’ देवेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त की. देवेगौड़ा ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि मैं अपनी बात पर कायम हूं. कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं चुनाव के दौरान बोली जाने वाली चीजों को इतनी गंभीरता से क्यों ले रहा हूं. उन्होंने यह भी कहा कि जब भी स्थिति उत्पन्न होगी, तो उन्हें मेरे साथ मामलों पर चर्चा करने की आवश्यकता होगी.’
घटना के बाद देवेगौड़ा ने मोदी से छह से सात बार मुलाकात की क्योंकि उनके प्रति उनका सम्मान बढ़ गया था. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने गोधरा की घटना के बाद मोदी का विरोध किया था और उस अवधि के दौरान संसद में दिए गए उनके भाषण उनके दावे की गवाही देते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनसे हुई मुलाकात ने उनकी धारणा बदल दी. देवेगौड़ा ने कहा, ‘मैंने उनके व्यक्तित्व में बदलाव देखा - वह गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जो थे और प्रधानमंत्री बनने के बाद वे क्या हैं.’ देवेगौड़ा ने यह भी कहा कि जब भी उन्होंने मोदी से मिलने की इच्छा व्यक्त की, वह मिलने के लिए तुरंत तैयार हो गए.
HIGHLIGHTS
- मोदी के नेतृत्व में जीत पर किया था इस्तीफे का ऐलान
- बाद में नरेंद्र मोदी ने इस्तीफा देने से रोका पूर्व पीएम को