तमिलनाडु के पूर्व मुख्य सचिव पी. रामा मोहन राव ने सोमवार को कहा है कि वह अभी भी सूबे के मुख्य सचिव हैं। उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु सरकार ने उन्हें अब तक कोई स्थानान्तरण आदेश नहीं दिया है। राव ने अपने अन्ना नगर स्थित निवास पर कहा, "इस सरकार के पास स्थानान्तरण आदेश की प्रति भेजने की हिम्मत नहीं है।"
ओ. पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राव ने कहा कि अगर जयललिता जीवित होतीं तो सीआरपीएफ राज्य सचिवालय में कभी नहीं घुसता।
राव आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं। गत 21 दिसम्बर को आयकर विभाग के अधिकारियों ने उनके निवास और कार्यालय पर छापे मारे थे। तलाशी अभियान दो दिन तक चला था।
राज्य सरकार ने राव की जगह गिरिजा वैद्यनाथन को नए मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया है। राव ने कहा कि आयकर विभाग के छापे से पहले केंद्र सरकार, राज्य सरकार को उनके स्थानान्तरण के लिए कह सकती थी।
आयकर विभाग के अधिकारियों की सुरक्षा में बंदूकधारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की तैनाती का उल्लेख करते हुए राव ने कहा, 'बंदूक के बल पर वे मेरे घर में घुसे थे। मैं घर में नजरबंद था।'
आयकर अधिकारियों पर बिना अधिकार पत्र के उनके निवास और राज्य सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में प्रवेश करने का आरोप लगाते हुए राव ने कहा, 'तलाशी वारंट मेरे पुत्र विवेक पापीसेट्टी के नाम था।'
पूर्व मुख्य सचिव ने सवाल पूछा कि बिना समुचित प्राधिकार के आयकर अधिकारी मुख्य सचिव के कार्यालय की तलाशी कैसे ले सकते हैं? राव ने कहा, 'मुख्य सचिव के कार्यालय की तलाशी के लिए क्या उन्होंने मुख्यमंत्री, गृह सचिव से मंजूरी ली थी।'
आयकर अधिकारियों ने राव के पुत्र पापीसेट्टी और इन दोनों से संबंधित लोगों के परिसरों में भी छापेमारी की थी। राज्य में संवैधानिक प्राधिकारियों के यहां छापेमारी करने पर केंद्र की निंदा करने पर राव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को धन्यवाद दिया।
Source : IANS