जमशेदपुर के एक सरकारी अस्पताल में कुपोषण की वजह से सिर्फ एक महीने के अंदर 52 नवजात की जान चली गई। यह शर्मनाक घटना झरखंड राज्य के स्टील सिटी जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की है।
अस्पताल निरीक्षक के मुताबिक सभी नवजात शिशुओं की मौत कुपोषण की वजह से हुई है। कुपोषण से हुई मौत की ये घटना पहली नहीं है। राज्य के सभी जिलों में कमोबेश बच्चों के कुपोषित होने और उससे मौत की घटना बेहद सामान्य है। खासकर आदिवासी बहुल इलाके में स्थिति काफी ज्यादा गंभीर है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे झारखंड में ही हैं। जहां भारत में कुपोषित बच्चों की संख्या 35 प्रतिशत है, वहीं झारखंड में सबसे ज्यादा 47.8 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कुपोषण से लड़ने के लिए साल 2015 में न्युट्रिशन मिशन झारखंड (एनएमजे) योजना की घोषणा की थी। इसके लिए सरकार ने राज्य के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए मिडडे मील के साथ अंडे देने की घोषणा की थी।
हालांकि इससे पहले की सरकारों ने भी कुपोषण से लड़ने के लिए कई योजनाएं निकाली थी, लेकिन बेहतर मशीनरी नहीं होने के कारण जस की तस बनी हुई है। लगातार हो रही कुपोषण की मौत से बच्चों के परिवारवाले लाचार हैं।
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HIGHLIGHTS
- MGM मेडिकल कॉलेज में पिछले एक महीने के दौरान 52 बच्चों की हुई मौत
- अस्पताल के निरीक्षक ने बच्चों की इस मौत के लिए कुपोषण को जिम्मेदार बताया
Source : News Nation Bureau