झारखंड सरकार ने सवर्ण आरक्षण लागू करने की मंजूरी दे दी है. 15 जनवरी यानी आज से सरकारी नौकरी और शैक्षिणक संस्थानों में इसे लागू किया गया. यह 10 प्रतिशत आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले 50 प्रतिशत आरक्षण के अतिरिक्त होगा.
इससे पहले गुजरात सरकार ने भी अपने यहां सवर्ण आरक्षण की मंजूरी दी थी. 14 जनवरी से वहां सवर्ण आरक्षण लागू किया गया.
इस कोटे का फायदा अनारक्षित श्रेणियों के आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आय सीमा और करीब पांच एकड़ जोत वाले लोग उठा सकेंगे. यह विधेयक सरकारी सेवा और उच्च शिक्षण संस्थानों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है.
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बिल को 7 जनवरी को केंद्रीय मंत्रीमंडल से मंजूरी मिली थी. 9 जनवरी को हंगामे के बीच सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण के प्रावधान वाला विधेयक राज्यसभा में पास हो गया था. केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने इस बिल को पेश किया था. 8 जनवरी को संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हुआ था. 323 सदस्यों ने हित में वोट किया था जबकि तीन सदस्यों ने इसके विरोध में मत दिया था. दोनों सदनों में पास होने के बाद इसे आखिरकार शनिवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई.
वर्तमान में 49.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है जिसमें 15 फीसदी अनुसूचित जातियों के लिए, 7.5 फीसदी अनुसूचित जनजातियों के लिए और 27 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
Source : News Nation Bureau