कर्नाटक (Karnataka) के कई हिस्सों में बारिश जारी है. राज्य के सीएम मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka CM Basavaraj Bommai) ने बुधवार को कहा कि अब तक 32 लोगों की जान चली गई है. उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए 500 करोड़ रुपये तुरंत जारी किए जाएंगे. मुख्यमंत्री मंगलवार से बारिश और भूस्खलन प्रभावित कोडागु, दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों के दौरे पर हैं. अगले सप्ताह उत्तर कन्नड़, बेलागवी और अन्य उत्तरी जिलों की यात्रा करेंगे. कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने कहा, "राज्यभर में अब तक 32 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, पांच लोग लापता हैं, 34 घायल हैं, 300 से ज्यादा लोगों को निकाला गया है और बचाया गया है, 14 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की चार टीमें काम कर रही हैं और लोगों को बचाने काम जारी है. ”
उडुपी में तटीय जिलों के वरिष्ठ मंत्रियों और उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए, उन्होंने कहा कि सड़कों, पुलों, बिजली लाइनों और अन्य बुनियादी ढांचे की मरम्मत और बहाली के लिए 500 करोड़ की राशि तुरंत जारी की जाएगी. सभी जिलों से रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तक मदद पहुंचाई जाएगी.
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इस क्षेत्र में नदियां उफान पर हैं. कृषि क्षेत्रों और निचले इलाकों में गंभीर जलभराव हो गया है, जिससे फसलों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. शिवमोग्गा, चिक्कमगलुरु और हसन से सटे जिलों में हालात बदतर है. बेलागवी, विजयनगर और यादगीर के कुछ उत्तरी जिलों में बारिश और नदियों और बांधों में जल स्तर में वृद्धि चिंता का कारण बन गया है.
सीएम बोम्मई के अनुसार राज्य सरकार उन लोगों को 10,000 रुपये की तुरंत सहायता प्रदान कर रही है, जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि घरों को हुए नुकसान को क्षति की सीमा के अनुसार ए, बी और सी के रूप में वर्गीकरण किया गया है. पूरी तरह से नष्ट हुए घरों के लिए मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये प्रदान किए जा रहे हैं. आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 3 लाख रुपये और कम नुकसान वाले घरों के लिए 50 हजार रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे.
वहीं फसल के नुकसान के लिए, एनडीआरएफ ने शुष्क भूमि फसलों के लिए 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर की इनपुट सब्सिडी तय की है. हालांकि राज्य सरकार 13,600 रुपये का भुगतान कर रही है. इसी तरह, इस वर्ष भी 13,600 रुपये का भुगतान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आर्द्रभूमि फसलों के लिए 25,000 हजार रुपये का भुगतान प्रति हेक्टेयर किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau