केरल में भारी बारिश नहीं होने के पूर्वानुमान से इडुक्की बांध के इर्द-गिर्द, एर्नाकुलम और त्रिशूर में रहने वाले हजारों लोगों ने शनिवार को राहत की सांस ली। बारिश न होने के परिणामस्वरूप पिछले कई दिनों से तबाही मचा रहा इडुक्की बांध का पानी कम होने लगा है। राज्य के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने कहा, "बीती रात से इडुक्की बांध और उसके आस पास बारिश कम हुई है, जिसके कारण बांध के जलस्तर भी कम हो गया है।"
यहां हालात की समीक्षा के लिए पहुंचे मणि ने कहा, "अभी तक चीजें ठीक रही हैं और सबकुछ योजना के मुताबिक हो रहा है। बाढ़ द्वार के समीप पहुंचे पानी को चेरुथोनी पर रोक लिया गया, जिससे कोई बड़ा संकट खड़ा नहीं हुआ।"
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इडमलयार बांध का सबसे निकटतम शहर चेरुथोनी है और 26 वर्षों में पहली बार इसकी ढाल से पानी नीचे गिरा, जिसके कारण क्षेत्र में भारी बाढ़ आ गई। शुक्रवार रात को बारिश कम होने के बाद इडुक्की बांध का जलस्तर नीचे गिरकर अब 2,401 फीट पर पहुंच गया।
शनिवार को बांध के अंदर पानी छह लाख लीटर प्रति सेकेंड के हिसाब से अंतर्वाह हुआ जबकि बाढ़द्वार से साढ़े सात लाख लीटर प्रति सेकेंड की रफतार से बाहर निकला।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, अगर बांध का जलस्तर 2,400 फीट पर आ जाता है तो पांच द्वारों से निकलने वाले पानी गिरकर करीब पांच लाख लीटर प्रति सेकेंड हो जाएगा।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला, राज्य वन मंत्री पी. राजू, मुख्य सचिव टॉम जोस और केरल पुलिस आयुक्त लोकनाथ बेहरा ने शनिवार सुबह तिरुवनंतपुरम से हेलीकॉप्टर द्वारा सबसे अधिक प्रभावित जिलों का हवाई दौरा किया।
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बाढ़ से अभी तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है।
Source : IANS