नेवी के जवानों ने मेघालय के अवैध कोयला खदान में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक लाश बरामद की है. जवानों को यह लाश पूर्वी जैंतिया हिल्स के कोयला खदान में 200 फीट की गहराई में मिला. अन्य मासूमों को बचाने के लिए खदान में रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है. बता दें कि 13 दिसंबर से कुछ मासूम मेघालय के इस खदान में फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में नेवी के जवानों की भी मदद ली जा रही है. इससे पहले खदान में फंसे लोगों का मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया था, जहां अदालत ने सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से उचित जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने मासूम बच्चों के खदान में फंसे होने को लेकर चिंता भी जताई थी और सरकार से पूछा था कि मासूम बच्चों को खदान में क्यों ले जाया गया. कोर्ट ने राहत कार्यों का ब्यौरा देने को भी कहा था. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि अथॉरिटी शुरुआत में ही राहत कार्यों को ठीक से अंजाम देने में नाकामयाब रही है.
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि वहां अवैध खनन होने के चलते व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं थीं. ये रैट होल माइन है. कोई नही जानता, कौन सी सुरंग कहां जा रही है. ये पूरा एरिया 5 वर्ग किलोमीटर का है. नेवी के स्पेशल डाइवर को भी राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है लेकिन दिक्कत यह है कि पास में ही नदी है. सरकार ने कोर्ट में कहा, किर्लोस्कर पम्प लगाकर मिनट पानी निकाला जा रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन माफिया पर एक्शन लेने को कहा था.