Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में सरकारी एजेंसियों के अलावा गैर सरकारी संस्थाओं ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, सेवा भारती के स्वयंसेवकों का एक दल बालासोर जिला अस्पताल भद्रक, सोरो अस्पताल कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज व अन्य अस्पतालों में ब्लड डोनोट कर कई जिंदगियां बिताई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 400 स्वयंसेवकों ने दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की कोचों में घुसकर घायलों को पीठ पर लादकर बाहर निकालकर अस्पतालों तक पहुंचाने में मदद की. खास बात यह है कि शुक्रवार की शाम 6: 55 बजे जब ट्रेनों की आपस में टक्कर हुई तब तक एनडीआरएफ, जिला प्रशासन या रेलवे का भी कोई अधिकारी वहां नहीं मौजूद नहीं था, वहां, जिले के कुछ स्वयंसेवक वहां पहुंचकर लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे गए. स्वयंसेवकों के वाट्सऐप ग्रुप में जैसे ही यह दुखद समाचार पहुंचा कि आसपास के सैकड़ों आरएसएस कार्यकर्ता पहुंचकर मदद करने में जुट गए. रात 9 बजे तक 400 स्वयंसेवक बालासोर और भद्रक से पहुंचकर मदद करने में जुट गए.
जिला प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंचती उससे पहले ही स्वयंसेवकों ने दर्द से तड़पते घायलों को टेंपो, बाइक, कार सहित जो भी साधन मिले, उन्हें नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाना शुरू कर दिया. शनिवार की शाम तक घायलों की मदद के लिए स्वयंसेवकों ने 550 यूनिट रक्तदान भी किया. रक्तदान करने के लिए सैकड़ों की तादाद में स्वयंसेवक अस्पताल पहुंच चुके थे. आखिर में अस्पताल प्रशासन को रोकना पड़ा कि अब ब्लड बैंक फुल हो चुका है. ब्लड रखने की व्यवस्था उनके पास नहीं है.
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जिला प्रशासन की टीम से पहले घटनास्थल पर पहुंच चुके थे स्वयंसेवक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रवि नारायण पांडा ने बताया कि बाहानगा बाजार स्टेशन के पास ही हमारी शाखा लगती है. दुर्घटना स्थल से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर संघ के जिला कार्यवाह विजय कुमार साहू का आवास था. हादसे की जानकारी मिलते ही शाम साढ़े सात बजे सबसे पहले विभाग सह प्रचारक विष्णु प्रसाद नायक और 15 कार्यकर्ताओं के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और अंधेरे में ही राहत और बचाव कार्य में जुट गए. बिना लाइट, रोशनी के कार्यकर्ताओं ने यात्रियों को ट्रेनों की बोगियों से निकालने का काम शुरू कर दिया. मोबाइल के टॉरच, मोमबत्ती की मदद से स्वयंसेवकों ने यात्रियों को कोच से निकालकर अस्पताल पहुंचाने लगे.
NDRF, SDRF और जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम के साथ स्वयंसेवकों ने बंटाए हाथ
प्रांत प्रचारक के अनुसार, घटनास्थल पर पहुंचे स्वयंसेवकों को जो काम दिखा, उसी में जुट गए. कई स्वयंसेवक एनडीआरएफ व जिला प्रशासन के रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुए और घायलों को ट्रेनों से निकालकर अस्पताल पहुंचाने में जुट गए. कुछ स्वयंसेवक घायलों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाने, शवों को प्लास्टिक में बांधने, घायलों के बीच खाना व पानी का वितरण करने सहित लापता लोगों को खोजने के काम में जुट रहे.