भारत की गोल्डन नदी कहे जाने वाली स्वर्णरेखा इस बार ओडिशा के लिए भयंकर मुसीबत लेकर आई है. इस बार अपने साथ सोना नहीं बाढ़ का पानी लेकर आई. दरअसल झारखंड के चांडिल एमके 11 गेट के खुलने के बाद लगभग 9 घंटे के भीतर यह स्थिति उड़ीसा के बालेश्वर जिले के रसगोविंदपुर के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. यहां तक कि कोलकाता-चेन्नई हाइवे भी पूरी तरह जलमग्न है. जिसकी वजह से इस हाईवे पर यातायात को पूरी तरह से रोकना पड़ा है.
झारखंड से आए पानी की वजह से तबाही
ओडिशा सरकार के पूर्वानुमान के अनुसार, आसपास के 156 गांव में जलभराव होने की आशंका है. धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ता नजर आ रहा है. अब तक लगभग 32 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. स्वर्णरेखा के जल को समुद्र के तट तक पहुंचने में अभी लगभग 5 घंटे और हैं. जिन रास्तों से होकर स्वर्णरेखा चलती है, उसके आसपास के सभी गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
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प्रशासन ने जारी किया येलो अलर्ट
ओडिशा सरकार ने स्वर्णरेखा के किनारे बसे गांवों-कस्बों के येलो वार्निग जारी की है. जिसके बाद से प्रशासन और ओडीआरएफ की कई टीमें हाई अलर्ट पर हैं. यही नहीं, विकट परिस्थितिओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर तीन हेलीकॉप्टर्स भी तैनात किए गए हैं.
(रिपोर्ट: रवि शर्मा)
HIGHLIGHTS
- ओडिशा में स्वर्णरेखा मचा रही हैं तबाही
- झारखंड से आए पानी की वजह से बढ़ा जलस्तर
- डेढ़ सौ से ज्यादा गांवों पर मंडरा रहा खतरा