सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को तमिलनाडु के वेदांता कॉपर स्मेलटिंग प्लांट के संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। एनजीटी ने यहां प्लांट के प्रभाव के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का आदेश दिया था।
राज्य सरकार ने 22 मई को प्लांट को बंद करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद कंपनी ने प्राधिकरण का रुख किया था। प्राधिकरण ने 20 अगस्त को एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में तूतीकोरिन में स्मेलटिंग प्लांट का दौरा करने, तकनीकी डाटा एकत्रित करने और रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था।
तमिलनाडु सरकार ने समिति गठित करने के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और कहा था कि एनजीटी में कंपनी की याचिका अनुरक्षणीय (मेंटेनेबल) नहीं है। राज्य ने कहा था कि वेदांता को एनजीटी के स्थान पर मद्रास उच्च न्यायालय जाना चाहिए था।
और पढ़ें- मोदी सरकार के इस प्लान से देश में मिलेगा 50 रुपए डीजल और 55 रुपए पेट्रोल !
एनजीटी के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि एनजीटी रिपोर्ट दाखिल हो जाने के बाद याचिका की योग्यता के आधार पर सुनवाई कर सकता है।
Source : IANS