पूर्व लोकसभा महासचिव पी.डी.टी. आचार्य ने कहा कि तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ 12 कांग्रेस विधायकों का विलय और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ चार तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के राज्यसभा सदस्यों का विलय 'अवैध' है क्योंकि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है. एक इंटरव्यू में आचार्य ने कहा, 'हां, तेलंगाना में 12 कांग्रेस विधायकों का टीआरएस के साथ विलय और बीजेपी के साथ चार टीडीपी राज्यसभा सांसदों का विलय अवैध है क्योंकि यह कानून के अनुसार नहीं हैं.'
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उन्होंने कहा कि तथाकथित विलय 'निश्चित रूप से अवैध' है, जो संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार नहीं है. उन्होंने कहा कि विलय के लिए, एक पार्टी को दूसरे राजनीतिक दल के साथ विलय करना होगा और उसके विधायकों या सांसदों को विलय के लिए सहमत होना होगा. उन्होंने कहा, 'लेकिन इन दो मामलों में मूल दलों का विलय नहीं हुआ है, जबकि उनके विधायकों और सांसदों का विलय हुआ है.' उन्होंने कहा कि यदि दोनों मूल पार्टी विलय नहीं करती हैं, तो कोई विलय नहीं माना जाएगा.
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बता दें, तेलंगाना में कांग्रेस के 12 विधायक तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल हो गए हैं. दरअसल तेलंगाना सदन में मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 12 सदस्य हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीनिवास रेड्डी से मुलाकात की और टीआएएस में सीएलपी में विलय को लेकर एक पत्र सौंपा. वह बाद में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के आधिकारिक आवास प्रगति भवन गए. 11 विधायकों ने पहले ही टीआरएस में शामिल होने की घोषणा कर दी थी. बाद में तांडू विधानसभा क्षेत्र के रोहित रेड्डी ने भी टीआरएस में शामिल होने की घोषणा कर दी.
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अपने साथियों से मिले धोखे को लेकर कांग्रेस ने कहा कि जिस तरह से जनादेश और लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला जा रहा है, भारतीयों को यह देखने की आदत नहीं है. यह दिन-दहाड़े लोकतंत्र की हत्या है. क्योंकि कोई सत्ता में है, उसके पास संसाधन है और एजेंसियों को नियंत्रित कर सकता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि सत्ता का दुरुपयोग किया जाए.