Manipur Violence: पिछले साल से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है, जो अब तक नहीं बुझा है. 2023 में कुकी और मैतई समाज के बीच जातीय हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद इस हिंसा में कई लोगों की जान भी गई. वहीं, इस महीने एक बार फिर से मणिपुर के जिरीबाम में महिला-बच्चों समेत 6 लोगों की हत्या ने प्रदेश में हिंसा को भड़का दिया है. इस हिंसक विरोध को देखते हुए बुधवार तक पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है.
मणिपुर में फिर भड़की हिंसा
हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र ने भारी सुरक्षाबल भी मणिपुर में भेजा है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार मणिपुर की स्थिति का जायजा ले रहे हैं. दरअसल, बीते कुछ दिन पहले ही एक राहत शिविर कैंप से मैतई समुदाय के 6 लोग लापता हो गए. शुक्रवार को 3 लोगों का शव राहत शिविर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर मिली तो वहीं, दो लोगों का शव असम बॉर्डर के पास मिला.
मैतई और कुकी फिर आमने-सामने
इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश देखने को मिला और उन्होंने जन प्रतिनिधियों के साथ ही सीएम एन बीरेन सिंह के घर पर ही हमला बोल दिया. हिंसा को देखते हुए सरकारी कार्यालयों में ताला लगा दिया गया है. स्थिति पर काबू पाने के लिए इंफाल समेत कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया. बावजूद इसके लोग सड़कों पर उतर आए. कुकी समुदाय के उग्रवादियों के द्वारा मैतई समुदाय के लोगों की हत्या ने एक बार फिर से मणिपुर में हिंसा को बढ़ा दिया है.
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हिंसा को लेकर इंटरनेट सेवाएं बंद
वहीं, कुकी समुदाय के लोग पुलिसबल और उग्रवादियों के बीच 11 नवंबर को हुए मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं. दूसरी तरफ शुक्रवार को मैतई समाज के एक ही परिवार के 6 सदस्यों की हत्या कर दी गई. इस घटना ने कुकी और मैतई समाज के बीच हिंसा को फिर से भड़का दिया है. इस हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार बैठकें कर रही है.
केंद्र सरकार ने भेजा अतिरिक्त पुलिसबल
केंद्र सरकार मणिपुर में सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियां भेज रही है. मणिपुर के हालातों पर दिल्ली में बैठकें जारी है. वहीं, मणिपुर में बढ़ती हिंसा को देख असम ने अपना बॉर्डर सील कर दिया है. असम सरकार को डर है कि यह हिंसा कहीं उनके राज्य में ना फैल जाए.