छपरा के मढ़ौरा में स्थित गढ़देवी मंदिर, माता की अनुकंपा का प्रतीक है. यह मंदिर विशेष रूप से बेरोजगार युवकों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां की मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान श्रमदान करने से माता प्रसन्न होकर भक्तों को नौकरी का आशीर्वाद देती हैं. इस अनूठी परंपरा के चलते, हर साल नवरात्र में मंदिर में हजारों युवा मां का लेने आते हैं.
मां गढ़देवी का चमत्कार
मंदिर में श्रमदान करने वाले युवा विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं. कोई मंदिर की सफाई करता है, तो कोई पोंछा लगाता है. युवाओं का मानना है कि माता की सेवा से उन्हें सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है. मंदिर के पुजारी भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि सैकड़ों युवक जिन्होंने यहां श्रमदान किया, आज सरकारी नौकरी में हैं.
भक्तों की भीड़
नवरात्रि के दौरान गढ़देवी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. लोग माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं. यहां की भव्य आरती में सैकड़ों लोग शामिल होते हैं, जो माता के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं. यह नजारा भक्तों की आस्था और विश्वास को दर्शाता है.
ऐतिहासिक बैकग्राउंड
गढ़देवी मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यह शक्तिपीठ मां गढ़देवी का स्थल है, जहां माता ने थावे पहुंचने से पहले विश्राम किया था. यही कारण है कि यहां माता की दो पिंडिया स्थापित हैं और इसे सिद्ध शक्तिपीठ माना जाता है. मंदिर का विशेष आकर्षण यह है कि इसका मुख्य गेट पश्चिम दिशा की ओर है, जो देश में अनोखा है.
पुजारी का आशीर्वाद
मंदिर के पुजारी, टूकाई बाबा, बताते हैं कि यहां आने वाले भक्तों की मन्नतें अवश्य पूरी होती हैं. उनका कहना है कि जो भी श्रद्धा और विश्वास के साथ माता की सेवा करता है, उसे मां का आशीर्वाद अवश्य मिलता है.