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कृषि बिल के खिलाफ 25 सितंबर को पंजाब बंद, 31 किसान संघों ने किया समर्थन

31 किसान संघों ने कृषि बिल के खिलाफ पंजाब बंद का समर्थन किया है. किसान संघों की तरफ से 25 सितंबर को पंजाब बंद किया जाएगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की पंजाब इकाई ने बंद का आह्वान किया है.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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31 किसान संघों ने कृषि बिल के खिलाफ पंजाब बंद का समर्थन किया है. किसान संघों की तरफ से 25 सितंबर को पंजाब बंद किया जाएगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की पंजाब इकाई ने बंद का आह्वान किया है. इस बिल के खिलाफ लगातार आवाज उठ रही है. विपक्ष इसे विरोध कर रहा है. इस बिल के विरोध के चलते शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. विपक्षी पार्टी के नेता इस बिल को लेकर राष्ट्रपति से भी मुलाकात की. उनका कहना है कि ये बिल किसान बिरोधी है. वहीं मोदी सरकार लगातार इस बिल के फायदें बता रही हैं. साथ ही किसान हितैषी बिल बता रही है.

जानें क्या है बिल

किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही मोदी सरकार (Modi Government) ने कृषक उत्पादों की बिक्री के लिए राज्यों के कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) कानून के तहत संचालित मंडियों के अलावा एक वैकल्पिक चैनल मुहैया करने के लिए नया कानून बनाया है. नये कानून में गेहूं, चावल या अन्य मोटा अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल, शाक-सब्जी, फल, मेवा, मसाले, गन्ना और कुक्कुट, सूअर, बकरी, मछली और डेरी उत्पाद सहित ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनका नैसर्गिक या प्रसंस्कृत रूप में मानव उपभोग करता है, उनको कृषक उत्पाद कहा गया है.

प्राइवेट कृषक उपभोक्ता बाजार यार्ड या परिसर भी शामिल नहीं होगा

वहीं, व्यापार क्षेत्र के तहत फार्म गेट, कारखाना परिसर, भांडागार, कोष्ठागार या साइलो, शीतगार यानी कोल्ड स्टोरेज और कोई अन्य ढांचा या स्थान समेत कोई ऐसा क्षेत्र या स्थान या क्षेत्र आते हैं जहां से देश में कृषक उपज का व्यापार किया जा सके, लेकिन इसके अंतर्गत राज्यों के एपीएमसी कानून के तहत गठित बाजार समितियों द्वारा संचालित मंडियां या बाजार यार्ड का परिसर शामिल नहीं है. इसके अलावा लाइसेंसधारक द्वारा व्यवस्थित निजी बाजार यार्ड, प्राइवेट बाजार उप यार्ड, प्रत्यक्ष विपणन संग्रहण केन्द्र और प्राइवेट कृषक उपभोक्ता बाजार यार्ड या परिसर भी शामिल नहीं होगा.

कृषक उपज के व्यापार और वाणिज्य का संवर्धन और सरलीकरण, विधेयक 2020 को संसद की मंजूरी

नये कानून में 'व्यापारी' से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में या किसी राज्य के भीतर या दोनों में खुद या एक से अधिक लोगों के लिए थोक व्यापार, खुदरा व्यापार, अंतिम उपयोग, मूल्यवर्धन, प्रसंस्करण, विनिर्माण, निर्यात, उपभोग या इसी प्रकार के अन्य मकसद से खरीद करता है. कृषक उपज के व्यापार और वाणिज्य का संवर्धन और सरलीकरण, विधेयक 2020 को संसद की मंजूरी मिल चुकी है. अब राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा और कोरोना काल में पांच जून को लाए गए कृषक उपज के व्यापार और वाणिज्य का संवर्धन और सरलीकरण, अध्यादेश 2020 की जगह लेगा. इस कानून के प्रावधानों के अनुसार, किसी किसान या व्यापारी या इलेक्ट्रॉनिक व्यापार और लेन-देन करने वाले प्लेटफार्म को, किसी व्यापार क्षेत्र में कृषक उपज में अंतर्राज्यीय या राज्य के भीतर व्यापार करने की आजादी होगी.

Source : News Nation Bureau

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