पंजाब की विधानसभा (Punjab Assembly) में मोदी सरकार के नए कृषि बिलों के खिलाफ पेश किए गए विधेयक पारित हो गए हैं. इसके साथ ही केंद्र के कृषि संबंधित कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पास किया गया है. पंजाब विधानसभा में 5 घंटे से अधिक समय की चर्चा के बाद इसे पास कर दिया गया.
पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को चार विधेयक सर्वसम्मति से पारित करने के साथ ही केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया. इसके बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों (Farm Laws)के खिलाफ विधेयकों को लेकर राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर से मुलाकात करने पहुंचे.
सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि विधानसभा में कृषि बिल के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया है और हमने यहां राज्यपाल को उसकी प्रति सौंपी है. पहले यह राज्यपाल के पास जाएगा और फिर राष्ट्रपति के पास.
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उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर राज्यपाल और राष्ट्रपति इसपर मंजूरी नहीं देते हैं तो हमारे पास कानूनी तरीके भी हैं. मुझे उम्मीद है कि गवर्नर इसे स्वीकृत कर देंगे. मैंने राष्ट्रपति से भी 2 से 5 नवंबर के बीच मिलने का समय मांगा है. हमारी पूरी विधानसभा वहां जाएगी.
बता दें कि विधानसभा में बीजेपी के विधानसभा में दो विधायक हैं. उन्होंने इस चर्चा में हिस्सा नहीं लिया. विपक्षी शिरोमणि अकाली दल, आप और लोक इंसाफ के विधायकों ने विधेयकों का समर्थन किया. राज्य सरकार के इन विधेयकों में किसी कृषि समझौते के तहत गेहूं या धान की बिक्री या खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर करने सजा और जुर्माने का प्रावधान करता है.
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इसमें कम से तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है. इन प्रावधानों के तहत किसानों को 2.5 एकड़ तक की जमीन की कुर्की से छूट दी गयी है और कृषि उपज की जमाखोरी और कालाबाजारी की रोकथाम के उपाय किए गये हैं. इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी दलों से आग्रह किया था कि वे विधानसभा में उनकी सरकार के ‘‘ऐतिहासिक विधेयकों’’ को सर्वसम्मति से पारित करें.
Source : News Nation Bureau