आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने सत्ताधारी कांग्रेस पर अपनी पार्टी के विधायकों के बीच सरकारी फंड का बंदरबांट करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने विधायकों पर आंखे बंद कर सरकारी धन लुटाए और जनता के पैसे को कांग्रेस विधायकों ने काम करने के बजाय अपनी जेब में रख ली. चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विपक्षी पार्टियों के विधायकों के साथ भेदभाव किया और अपनी पार्टी के विधायकों को एमएलए फंड के तहत अरबों रुपए दिए.
शनिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में चीमा ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा कांग्रेसी विधायकों को जारी अरबों रुपये के फंड की उच्च न्यायालय की देखरेख में न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने पंजाब की जनता से चुनाव प्रचार के दौरान वोट मांगने आए कांग्रेस पार्टी के नेताओं और विधायकों से एक-एक पैसे का हिसाब का हिसाब मांगने की अपील की. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को कांग्रेस के विधायकों से आधा पैसा भी नहीं मिला. अगर भरपूर पैसे मिलते तो आप विधायक अपने-अपने क्षेत्र का चेहरा बदल देते और हर गांव व मोहल्ले में विकास कार्यों पर खर्च होने वाले पैसे का उसी तरह हिसाब जनता को देते जिस तरह हमारे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान एक-एक पैसे का हिसाब देते हैं.
उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी का सिद्धांत सार्वजनिक कार्यों पर जनता का पैसा खर्च करने का है. आम आदमी पार्टी जनता का पैसा न हड़पती है और न ही दलाली करती है. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने 250 करोड़ की लागत वाली ओवरब्रिज को मात्र 150 करोड़ रुपए में बनवाया. बचे हुए 100 करोड़ रुपये सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया.
चीमा ने कहा कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा विकास की बात तो करते हैं लेकिन जब सत्ता में होते हैं तो अपनी बातों पर कोई अमल नहीं करते. दिल्ली में केजरीवाल की सरकार का उदाहरण देते हुए चीमा ने कहा कि दिल्ली में प्रत्येक विधायक के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों रुपये का विकास कोष निर्धारित किया गया है जो न केवल आप बल्कि भाजपा के विधायकों को भी जारी किया जाता है. चीमा ने ऐलान किया कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर सांसद विकास फंड की तरह हर विधायक के लिए एम.एल.ए हलका विकास कोष बनाया जाएगा. चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोकतांत्रिक परंपरा और लोगों की इच्छा का सम्मान करती है.
चीमा ने पूर्व मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अपने विधायकों से पैसे का हिसाब मांग रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह तब सो क्यों रहे थे जब वे कांग्रेस विधायकों को अरबों रुपये जारी कर रहे थे. कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी सीट बचाने के लिए कांग्रेस विधायकों को विकास कोष के नाम पर घूस दे रहें थे. यदि विकास राशि दी गई होती तो कैप्टन ने मुख्यमंत्री रहते हुए उनके खातों का हिसाब माँगा होता, जिसकी तब मांग नहीं की गई. आज कुर्सी गंवाने के बाद कैप्टन को ये हिसाब याद आया है.
चीमा ने कांग्रेस की मंशा और नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस और बादल ने लोगों की भावनाओं की परवाह नहीं की. अगर ऐसा होता तो प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए समान धन जारी किया जाता. उन्होंने सरकारी खजाने को लूटा. लेकिन विपक्ष के विधायकों को निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए एक पैसा भी जारी नहीं किया. पहले बादल ने भी ऐसा ही किया था. उस समय विपक्ष के रूप में कांग्रेस ने दावा किया था कि पंजाब की सत्ता में आने के बाद प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के समान विकास के लिए हल्का विकास निधि तय करेगा लेकिन सरकार आ गई लेकिन कांग्रेस अपने अन्य वादे की तरह इस वादे से भी मुकर गई.
चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी को उन दिनों की याद दिलाई जब चन्नी बादल सरकार में विपक्ष के नेता थे और हर विधायक के लिए हलका विकास कोष नीति लागू करने की बात कर रहे थे. लेकिन चन्नी ने सरकार में शामिल होने पर अपनी बात नहीं रखी. मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी ने भी बादल की तरह विधायक निर्वाचन क्षेत्र निधि के संबंध में खोखली घोषणा ही की. उन्होंने कहा कि 2022 में सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी बिना किसी भेदभाव के हर विधायक के लिए 'हलका विकास कोष नीति' लागू करेगी, जैसा दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा लागू किया गया है.
Source : News Nation Bureau