आम आदमी पार्टी (आप) ने पिछली सरकार पर पंजाबियों के अधिकारों को नजरअंदाज करने का आरोप लगते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक में शामिल होने की कभी जहमत नहीं उठाई, जिससे राज्य को भारी नुकसान हुआ है. मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी समेत पूर्व मुख्यमंत्री कभी नीति आयोग की बैठकों में शामिल नहीं हुए. वे केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते रहे.
कंग ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हमेशा अपने महलों में सुख भोगने तक सीमित रहे और हमेशा राज्य के हितों की अनदेखी की, लेकिन अब मुख्यमंत्री भगवंत मान पूरी लगन से काम कर रहे हैं. उन्होंने राज्य के किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए नीति आयोग के मंच का विधिवत उपयोग किया है.
कंग ने कहा कि नीति आयोग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मान ने फसल विविधीकरण, एमएसपी पर कानूनी गारंटी, फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देना, नहर प्रणाली को सुर्जित करने के लिए धन का विशेष आवंटन, दालों के लिए एमएसपी और मंडीकरण समेत कई अहम मुद्दे उठाए.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मान ने केंद्र से पंजाब की नहर प्रणाली के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की है. ये नहरें आज़ादी से पहले और बाद के वर्षों के दौरान बनाई गई थी,जिनकी हालत अब बेहद खराब हो चुकी है. इन नहरों को मजबूत और अपग्रेड करने की सख्त जरूरत है, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके.
Source : News Nation Bureau