पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) नजदीक है, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले विवादों का सामना कर रहे पंजाब के एडवोकेट जनरल एपीएस देओल (APS Deol) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. जानकारी मिली है कि उन्होंने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपना इस्तीफा सौंपा है. आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता एपीएस देओल को पंजाब का महाधिवक्ता (Advocate General) नियुक्त किए जाने के बाद चन्नी सरकार (Channi government) विपक्ष के निशाने पर थी. देओल की बात करें तो उन्होंने पूर्व डीजीपी (DGP) सुमेध सिंह सैनी (Sumedh Singh Saini) और निलंबित पुलिस महानिरिक्षक (IG) परमराज सिंह उमरानंगल (Paramraj Singh Umranangal) के वकील थे. आपको बता दें कि ये दोनों अधिकारी बहबल कलां पुलिस फायरिंग मामले में आरोपी थे.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पंजाब की चन्नी सरकार (Channi Sarkar) जब से एपीएस देयोल (APS Deol)की नियुक्ति की थी, तभी से वह विवादों में आ गई थी. बता दें कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) भी एपीएस देओल की नियुक्ति को लेकर नाराज चल रहे थे. इसी मुद्दे पर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
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एपीएस देओल की बात करें तो वो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Haryana High Court) के एक वरिष्ठ वकील हैं, जो आपराधिक और संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ हैं. एपीएस देओल ने साल 1990-97, 1997-2002 तक दो बार पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के सदस्य रहे. वह 31 साल की उम्र में बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के सबसे कम उम्र के चेयरमैन भी रहे हैं. अब सुमेध सैनी और निलंबित आईजी (IG) परमराज उमरानंगल के वकील के रूप में देओल न तो पेश हो पाएंगे और न ही अपने मामलों में राज्य को सलाह देंगे.