'कैप्टन' की खुली चुनौती के बाद पंजाब में 'गुरु' की राह हुई मुश्किल

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उनका खुल कर विरोध करने से यह स्पष्ट हो गया है कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के लिए अब कांग्रेस में बने रहना आसान नहीं होगा.

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Nihar Saxena
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Navjot Singh Sidhu

इस बार कप्तान साहब आर-पार के मूड में आए सिद्धू को लेकर.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों से पहले पंजाब कांग्रेस (Congress) में घमासान मचा हुआ है. एक तरफ बेअदबी कांड के दोषियों को सजा नहीं दिला पाने का मसला कांग्रेस के नेताओं को परेशान कर रहे हैं. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टल रहे विवाद की समाप्ति का सवाल कचोट रहा है. सिद्धू के बागी व आक्रामक तेवर के बाद अब कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उनका खुल कर विरोध करने से यह स्पष्ट हो गया है कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के लिए अब कांग्रेस में बने रहना आसान नहीं होगा. वहीं, मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के लिए सिद्धू को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना भी बड़ी चुनौती होगी. सिद्धू को लेकर पार्टी में सभी विकल्‍पों पर चर्चा तेज हो गई है.

सिद्धू को कांग्रेस से निकालना कैप्टन के लिए भी चुनौती
सिद्धू को लेकर कांग्रेस में दुविधा भी देखी जा रही है. विधायकों का एक धड़ा सिद्धू को कांग्रेस में ही रखने के पक्ष में है, क्योंकि उन्हें लगता है कि जो बात वे (विधायक) नहीं उठा सकते हैं, वह सिद्धू उठा देते हैं. दूसरी तरफ जिस प्रकार से राज्‍य के कैबिनेट मंत्री भी सिद्धू के मुखालफत में उतर आ गए है, उससे स्पष्ट है कि यह विरोध आगे और बढ़ने वाला है. पंजाब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं, अब दो ही राह है या तो सिद्धू खुद पार्टी छोड़ें या फिर पार्टी में इस तरह का माहौल तैयार हो जाए कि वह मजबूर होकर पार्टी छोड़ दें, क्योंकि सिद्धू को पार्टी से निकालना इतना आसान नहीं होगा.

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फैसला लेना होगा आलाकमान को, जो हिचकेगी
गौरतलब है कि सिद्धू विधायक हैं और विधायक या सांसद को पार्टी से निष्कासित करने का अधिकार पार्टी हाईकमान के पास है. चूंकि सिद्धू को कांग्रेस में लाने में प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी की अहम भूमिक थी. ऐसे में हाईकमान भी सिद्धू के मामले में जल्दी कोई फैसला नहीं ले सकेगा. यही कारण है कि मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर द्वारा सिद्धू को पटियाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती देने के बाद भी पार्टी हाईकमान की तरफ से इस मामले को हल करने के लिए कोई पहल नहीं की गई है, वहीं सिद्धू की वकालत करने वाले पार्टी के महासचिव व प्रदेश प्रभारी हरीश रावत भी चुप हैं.

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कैप्टन दे रहे कांग्रेस को ऑक्सीजन, यही बात जाएगी पक्ष में
पंजाब में कांग्रेस के राजनीतिक हालातों पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि हाईकमान कैप्टन अमरिंदर सिंह से बाहर जा पाएगा इस बात की संभावना न के बराबर है. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस काफी कमजोर है. कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस को जो थोड़ी ऑक्सीजन मिली वह भी पंजाब से ही थी. अतः जब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि कैप्टन ने सिद्धू को चुनौती दे दी है. ऐसी स्थिति में हाईकमान सिद्धू का हाथ पकड़ने से कतराएगी.

HIGHLIGHTS

  • कैप्टन अमरिंदर ने दी सिद्धू को खुली चुनौती
  • आलाकमान के लिए बेहद मुश्किल समय
  • इतना तय अब मयान में रहेगी एक तलवार ही
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