देश में चुनाव हो या जनगणना या सरकारी योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने के लिए अध्यापकों को लगा दिया जाता है. शाशन-प्रशासन हर काम में अध्यापकों का उपयोग करता है. देश भर में शिक्षक संगठन समय-समय पर गैर शैक्षिक कार्यों में संलग्न करने का विरोध करते रहे हैं. अध्यापकों की इस मांग पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया था. लेकिन पंजाब के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिक्षकों को इस कष्ट से लिजात देने की घोषणा कर दी है.
सीएम भगवंत मान ने ऐलान किया है कि पंजाब में अब शिक्षकों से कोई दूसरा काम नहीं लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूलों के शिक्षक और कॉलेजों के प्रोफेसर अब सिर्फ छात्रों को पढ़ाने पर ध्यान देंगे. भगवंत मान ने एक कार्यक्रम में कहा कि स्कूल-कॉलेज के शिक्षकों के सभी लंबित मुद्दे को जल्द सुलझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त अवसर की जरूरत है. अगर इन्हें सुविधा मुहैया कराया जाए तो ये हमारे देश और हमारे समाज के लिए आदर्श नागरिक बन सकते हैं.
भगवंत मान ने 16 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. तब से उन्होंने राज्य के लिए एक के बाद एक ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रहे हैं. सबसे पहले उन्होंने पंजाब में 25 हजार नौकरियों के लिए आवेदन लाने की घोषणा की. इसके बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ व्हाट्स एप नंबर लॉन्च किया.
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पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, पंजाब के छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, मैं गारंटी देता हूं कि पंजाब यूनिवर्सिटी को कर्ज मुक्त कर इसे उसकी पुरानी प्रतिष्ठा को वापस दिलाउंगा ताकि उत्तर भारत में यह यूनिवर्सिटी सिरमौर बन सके. पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 117 में से 92 सीटें जीत कर सत्ता पर काबिज हुई थी. 16 मार्च को भगवंत मान ने पंजाब सीएम की शपथ ली. इसके बाद लगातार वे एक्शन में हैं. सबसे पहले उन्होंने पंजाब में स्कूलों को दिल्ली के तर्ज पर बनाने का वादा किया. उन्होंने 35 हजार अस्थायी कर्मचारी को परमानेंट करने की भी घोषणा की.
हाल ही में उन्होंने पंजाब में राशन को घर-घर पहुंचाने का ऐलान भी किया. सीएम भगवंत मान ने इसका ऐलान करते हुए कहा, आज़ादी के 75 साल बाद भी हमारे लोग कतारों में खड़े हैं. आज हम ये सिस्टम बदलने जा रहे हैं. अब हमारी बुजुर्ग माताओं को राशन के लिए घंटो लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. किसी को अपनी दिहाड़ी नहीं छोड़नी पड़ेगी. आज मैंने फैसला लिया है कि आपकी सरकार आपके घर राशन पहुंचाएगी.
हालांकि घर-घर राशन योजना दिल्ली में साकार नहीं हो सका है क्योंकि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसकी अनुमति नहीं दी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में तीन साल से घर घर राशन योजना के फाइल को रोक कर रखा हुआ है लेकिन पंजाब में हमारी सरकार है, हमने इस योजना को वहां लागू कर दी है.