1987 बैच के आईपीएस अफसर वीके भावरा पंजाब के नए डीजीपी होंगे. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले ही उनके नाम पर मुहर लगा दी. सरकार ने उनके नाम की आधिकारिक घोषणा कर दी है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूपीएससी की ओर से चार जनवरी को ही पंजाब में स्थायी डीजीपी लगाने के लिए तीन अफसरों का पैनल भेज दिया गया था. इसी पैनल के नामों पर चन्नी सरकार ने देर रात फैसला लिया और चुनावी आचारसंहिता लागू होने से पहले वीके भंवरा को नया डीजीपी बनाए जाने की संस्तुति दे दी. भावरा ने कार्यवाहक डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का स्थान लिया है जो 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के बाद जांच का सामना कर रहे हैं.
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पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. पंजाब सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चुने गए तीन अधिकारियों के पैनल में से 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी का चयन किया. पैनल में अन्य दो अधिकारी दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार थे. पंजाब सरकार के आदेश में कहा गया है, संघ लोक सेवा आयोग से प्राप्त पैनल के विचार पर पंजाब के राज्यपाल वीरेश कुमार भावर, आईपीएस को पुलिस महानिदेशक, पंजाब (पुलिस बल के प्रमुख) के रूप में नियुक्त करते हुए संतुष्ट हैं. उनका कार्यकाल 3 जुलाई, 2018 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसरण में पदभार ग्रहण करने की तिथि से न्यूनतम दो वर्ष की अवधि के लिए होगा. भावरा चन्नी सरकार के कार्यकाल के इतने महीनों में कार्यभार संभालने वाले तीसरे डीजीपी हैं.