पंजाब (Punjab) की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) ने राज्य के 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा (revokes security cover of 424 more VIPs) को हटा लिया है. ये सुरक्षा व्यवस्था पंजाब सरकार के खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए हटाया गया है. हालांकि इनमें से कई लोग आतंकियों के निशाने पर भी रहे हैं. ऐसे में इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी हो सकती है. बहरहाल, भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) ने ये कहते हुए एक साथ 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस ले ली है कि इन्हें सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है.
24 घंटों के भीतर बटालियनों में रिपोर्ट करने के आदेश
सरकार के जारी आदेश के मुताबिक जिन सुरक्षा कर्मियों को सुरक्षा से हटा दिया गया है, उन्हें 24 घंटों के भीतर अपनी बटालियनों में जाकर रिपोर्ट करना होगा. पंजाब सरकार ने इस मामले में काफी विचार विमर्श के बाद ये फैसला लिया है जिसके तहत कहा गया है कि 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली जाएगी. इस आदेश के दायरे में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, सिंगर सिद्धू मूसेवाला, अकाली के वरिष्ठ नेता चरण जीत सिंह ढिल्लों भी आ गए हैं. इससे पहले भी अप्रैल माह में पंजाब सरकार ने 184 लोगों की वीआईपी सिक्योरिटी (VIP Securit Cover) हटा दी थी. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री सहित कई विधायक शामिल थे.
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प्राइवेट सिक्योरिटी पर भी सरकार ने लिया फैसला
पंजाब में सरकार प्राइवेट सिक्योरिटी भी देती है. पंजाब सरकार (Punjab Government) ने प्राइवेट सिक्योरिटी (Private Security) दे रखी थी. उनमें अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, गुरदर्शन बराड़, आईपीएस गुरदर्शन सिंह और उदयबीर सिंह (पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के बेटे) के परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjeet Singh Channi) और उनके परिवार के सदस्यों को भी वीआईपी सुरक्षा (VIP Security Cover) मिली थी. इसके अलावा पंजाब सरकार ने पूर्व कैबिनेट मंत्रियों सुरजीत सिंह रखड़ा और बीबी जागीर कौर, तोता सिंह (शिरोमणि अकाली दल मोगा), कांग्रेस के पूर्व सांसद वरिंदर सिंह बाजवा, संतोष चौधरी और कांग्रेस के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा की सुरक्षा भी वापस लेने के आदेश दिए थे.
इस वजह से सुरक्षा हटाने का लिया गया फैसला
बताया जा रहा है कि सुरक्षा वापस लेने से पहले पंजाब की मान सरकार ने शुक्रवार को एक रिव्यू बैठक (Review Meeting) की थी, जिसमें इस बात पर विचार विमर्श किया गया था कि क्या 424 लोगों को सुरक्षा की जरूरत है, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए हैं. वीआईपी लोगों की सुरक्षा को वापस लिए जाने का सरकार ने एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस (Punjab Police) में पहले से ही कर्मचारियों की कमी चल रही है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आम स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके कारण सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हो रहा है.
HIGHLIGHTS
- पंजाब सरकार 424 लोगों की वीआईपी सुरक्षा हटाई
- पंजाब सरकार के खजाने पर पड़ने वाले बोझ का दिया हवाला
- वीआईपी सुरक्षा हटाए जाने वालों में कई बड़े नाम