पंजाब में पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है. आप ने 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की है. इसके साथ ही पंजाब को उनका नया सीएम भी मिल गया है. कॉमेडी से राजनीति तक का सफर तय करने वाले भगवंत मान ने बुधवार को शहीद भगत सिंह के खट्कड़ कलां गांव में शपथ ग्रहण की. आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले ही भगवंत मान को अपने सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जनता के सुझाव पर उनका नाम घोषित किया था. आइये हम आपको बताते हैं कि भगवंत मान के कॉमेडी से राजनीति तक का सफर और उनके सामने क्या हैं बड़ी चुनौतियां...
- भगवंत मान का जन्म पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था.
- मान ने 12वीं तक की ही पढ़ाई की है.
- साल 1992 में शहीद उधम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज में बीकॉम (B.com) करने के लिए एडमिशन तो लिया था लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी.
- मान को जुगनू नाम से भी पुकारते हैं.
- वह एक प्रसिद्ध पंजाबी कॉमेडियन भी रह चुके हैं.
- मान ने मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के साथ द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज नाम के टीवी शो में भी भाग लिया था.
- आम आदमी पार्टी (आप) नेता भगवंत मान की गिनती उन हास्य कलाकारों में होती है जिनके जोक आज भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए जाते हैं.
- पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जगतार जग्गी और राणा रणबीर के साथ मिलकर अपने कॉमेडी करियर की शुरुआत की थी. दोनों के साथ मान ने कई कॉमेडी शो बनाए.
- उन्होंने जग्गी के साथ 'जुगनू केहंदा है' नाम का एक कॉमेडी शो किया था. यह शो 10 सालों तक चला.
- अल्फा ईटीसी पंजाबी पर प्रसारित होने वाले इस शो को बाद में किन्हीं कारणों से बंद करना पड़ा.
- इसके बाद भगवंत मान ने राणा रणबीर के साथ पार्टनरशिप कर 'जुगनू मस्त मस्त' नाम का शो बनाया.
- यह शो लोगों के बीच काफी पॉपुलर रहा. यह शो साल 2006 में अल्फा ईटीसी पंजाबी पर प्रसारित होता था.
- उन्हें सबसे ज्यादा शोहरत कॉमेडी शो 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' से मिली. इस शो से वह घर-घर में फेमस हो गए. उनकी कॉमिक टाइमिंग और मजेदार जोक्स लोगों को काफी पसंद आते थे. यह शो साल 2008 में प्रसारित हुआ था.
भगवंत मान को राजनीति में लेकर आए थे मनप्रीत बादल
- मान ने राजनीतिक सफर की शुरुआत मनप्रीत सिंह बादल की पंजाब पीपल्स पार्टी से की थी.
- मनप्रीत बादल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं.
- परिवार में जब राजनीतिक विरासत को लेकर विवाद हुआ तो मनप्रीत ने मार्च 2011 में अपनी पार्टी बना ली. उसी वक्त भगवंत इस पार्टी में शामिल हुए.
- साल 2012 में लहरा विधानसभा सीट से भगवंत मान चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
- 2012 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मनप्रीत बादल नया रास्ता तलाशने लगे.
- 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. भगवंत मान को ये पसंद नहीं आया.
- मान ने अपना रास्ता बदल लिया और मार्च 2014 को मान आम आदमी पार्टी में आ गए. केजरीवाल ने उन्हें संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया और वह जीत भी गए.
- भगवंत मान की इस जीत उनको पंजाब में आप का बड़ा चेहरा बना दिया. जिसका इनाम आप पार्टी ने साल 2017 में उन्हें दिया, भगवंत मान को आप पंजाब का संयोजक नियुक्त किया गया था.
- साल 2017 में मान ने सुखबीर सिंह बादल और रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ जलालाबाद सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव को वह हार गए.
केजरीवाल ने भगवंत मान को कट्टर ईमानदार बताया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी शो में कहा था कि अगर भगवंत मान से बेहतर कोई कट्टर ईमानदार चेहरा पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए है तो बताओ? जब पंजाब में सभी बड़े नेता रेता चोरी करते हैं तब 7 साल से सांसद भगवंत मान पर एक भी आरोप नहीं हैं. वे किराए के घर में रहते हैं.
सांसद बने तो पत्नी अलग हो गईं
- एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में भगवंत मान ने अपने परिवार के बारे में जानकारी दी थी.
- मान ने बताया कि जब तक वह कॉमेडियन थे, तब तक परिवार को खूब समय देते थे. साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़कर जीते. इसके बाद से वह पत्नी और बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे. जनता के बीच उनका ज्यादा वक्त गुजरता था.
- यही कारण है कि 2015 में उनकी पत्नी उनसे अलग हो गईं. अब पत्नी और बच्चे अमेरिका में रहते हैं. वह अकेले ही दिल्ली और अपने पंजाब स्थित घर में रहते हैं.
मान कहते हैं कि अब मेरे पंजाब के लोग ही मेरा परिवार हैं.
2019 लोकसभा चुनाव से 2022 विधानसभा चुनाव तक का सफर
- एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में संगरूर से भगवंत मान ने जीत हासिल की.
- विधानसभा चुनाव 2022 में भगवंत मान पंजाब की ही धुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं.
- भगवंत मान को 93.3% लोगों ने CM उम्मीदवार के रूप में चुना था.
- विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा चुनने के लिए चलाए गए अभियान 'जनता चुनेगी अपना सीएम' के तहत पार्टी को 21.59 लाख प्रतिक्रियाएं मिलीं.
- अरविंद केजरीवाल ने 13 जनवरी को पंजाब की जनता से मुख्यमंत्री पद के लिए अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के नाम बताने की अपील की थी. इसके लिए पार्टी ने एक मोबाइल नंबर भी जारी किया था. लोगों के लिए चुनने का विकल्प 17 जनवरी की शाम 5 बजे तक खुला था.
- केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस 21 लाख से ज्यादा वोटों में 93.3 फीसदी लोगों ने भगवंत मान को चुना.
भगवंत मान के सामने ये हैं बड़ी चुनौतियां
- कर्ज से बाहर निकालने की चुनौती
- मौजूदा समय में पंजाब पर 2.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है, जो राज्य की जीडीपी का 56 फीसदी है.
- 2020-21 में, पंजाब सरकार ने अपने कर राजस्व का 54 फीसदी अपने कर्ज पर ब्याज चुकाने पर खर्च किया.
वादों को निभाने की बड़ी चुनौती
- आम आदमी पार्टी की सरकार के सामने अपने वादों को निभाने की भी बड़ी चुनौती होगी और इसके लिए एक बड़े सरकारी खर्च की भी जरूरत पड़ेगी.
- आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि 18 साल से ऊपर की हर महिला को हर महीने 1 हजार रुपये दिए जाएंगे.
- पंजाब में 18 साल से ऊपर की करीब 99 लाख महिलाएं हैं. अब अगर इन सबको हर महीने एक हजार रुपये मिलेंगे, तो खर्च 990 करोड़ रुपये खर्च होंगे और हर साल 11 हजार 880 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
- राज्य में सभी को 300 यूनिट बिजली दी जाने है.
- विकास के इन्फ्रास्ट्रक्चर के दिशा में कदम बढ़ाने की चुनौती है, जिनमें स्कूल से लेकर अस्पताल और सड़कें तक हैं.
केंद्र बनाम राज्य सरकार में टकराव
जब केंद्र और राज्य में अलग-अलग पार्टियों की सरकार हो. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और मोदी सरकार के बीच टकराव जगजाहिर है. ऐसे में क्या आने वाले वक्त में पंजाब भी इसी तरह की किसी मुश्किल में फंस सकता है. जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब अकाली दल हमेशा आरोप लगाती थी कि केंद्र सरकार पंजाब के खिलाफ है. वहीं, अब केंद्र में बीजेपी है तो राज्य में आम आदमी पार्टी है.
नशा
- एक साल में एक हजार किलो हेरोइन पाकिस्तान से आता है.
- पंजाब का हर छठा व्यक्ति (41 लाख लोग) नशे का आदी है.
- 22 लाख लोगों को शराब और 2.70 लाख लोगों को अफीम, चूरा-पोस्त, हेरोइन की लत है.
- पीएम मोदी ने जालंधर में भाषण के दौरान कहा कि नया पंजाब बनेगा तो नशामुक्त होगा.
कर्ज में डूबा पंजाब
मार्च 2017 में जब कांग्रेस सरकार ने पंजाब की बागडोर संभाली थी तो उसे पिछली शिअद-भाजपा गठबंधन सरकार ने 1.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में दिया था. पांच साल में कांग्रेस की सरकार में विरासत में मिले कर्ज में अब तक 1 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हो चुकी है. अब 2022 में आने वाली सरकार को विरासत में 2.82 लाख करोड़ का कर्ज मिलेगा. एक अनुमान के मुताबिक, राज्य का हर नागरिक 82 हजार रुपये के कर्ज में दबा हुआ है.
पंजाब से 27 हजार करोड़ रुपये विदेशों में जाते हैं हर साल
- पंजाब से युवाओं का पलायन तेजी हो रहा है, मामला सियासत से निकल चुका है.
- पंजाब से हर साल 1.5 लाख युवा विदेशों का रुख कर रहे हैं.
- पंजाब से हर साल 27 हजार करोड़ रुपये बच्चों को विदेश भेजने और पढ़ाने में खर्च हो रहे हैं.
- हर साल तकरीबन सवा लाख युवा कनाडा और तकरीबन 25 हजार अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों का रुख कर रहे हैं.
पंजाब में पानी का मुद्दा, 400 फीट पानी नीचे गया
- पंजाब का भू-जल स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच रहा है. जिससे तेजी से जलस्तर गिर रहा है. उससे 18 साल बाद सूबे की धरती के नीचे 5 फीसदी इलाके में पानी बचेगा, लाखों ट्यूबवेल सूख चुके हैं. इससे खेती तो बर्बाद होगी, घरों में भी पानी सप्लाई का बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.
- पंजाब सॉयल कंजर्वेटर और सेंट्रल अंडर ग्राउंड वाटर लेवल बोर्ड के एक सेटेलाइट सर्वे में सामने आया है कि वर्ष 1985 में पंजाब बेहतर स्थिति में था. 85 प्रतिशत इलाके में भू-जल स्तर सही था पर 2018 तक ये तेजी से गिरा.
- करीब 45 फीसदी इलाके में भू-जल कम हो गया, छह प्रतिशत इलाकों में तो भू-जल खत्म ही हो गया.
- विशेषज्ञों की मानें तो यही हाल रहा तो साल 2037 तक पंजाब के 5 प्रतिशत इलाके में भी भू-जल नहीं बचेगा.
- हालात यह हो गए हैं कि कई जगह पर 300 से 1000 फीट गहराई तक बोर कर पानी निकाला जा रहा है.
- पंजाब में कैंसर तेजी से फैल चुका है
- पानी में कीटनाशक के अधिक प्रयोग से कैंसर फैल गया. राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुए अबोहर-जोधपुर पैसेंजर ट्रेन को ‘कैंसर ट्रेन’ का नाम दिया गया था.
- मौजूदा समय में पंजाब में एक लाख लोगों पर 90 मरीज कैंसर से पीड़ित हैं.
- पिछले 7 सालों में हर साल औसतन 7500 नए मामले आ रहे हैं.
पाक से सटा पंजाब, आतंकवाद का खतरा मंडरा रहा
- पाक से टिफिन बम ड्रोन से भेजे जा रहे हैं. पाकिस्तान से सटे पंजाब के इलाकों में पिछले काफी समय से ड्रोन के माध्यम से हथियारों की सप्लाई होने से सुरक्षा चुनौती पैदा हो गई है.
- साल 2019 से ही पाकिस्तान ड्रोन के माध्यम खतरनाक हथियारों और विस्फोटकों की सप्लाई कर रहा है.
- पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान के साथ सटी है.
- पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों की सीमा पाकिस्तान से लगती है.
- 149 किलोमीटर की सीमा तो ड्रोन घुसपैठ के लिहाज से अति संवेदनशील है.
Source : News Nation Bureau