आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के ग्रामीण विकास फंड रोकने के मुद्दे पर कहा कि मोदी सरकार का यह कदम भाजपा के पंजाब विरोधी रवैये का एक और सबूत है। चीमा ने कहा कि 1100 करोड़ रुपए फंड जिसे केंद्र सरकार पंजाब को देने से इंकार कर रही है, वह पंजाब का है और उसे जारी करने से रोकना पंजाब के अधिकारों पर सीधा हमला है। चीमा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बीजेपी सरकार पंजाब के अधिकारों पर लगातार हमले कर रही है, जिसे पंजाब की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी.
गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा, "कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों के लिए पंजाब की जनता को दिए विश्वासघातों की लंबी सूची में एक और विश्वासघात जुड़ गया है। कैप्टन के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने के लिए ग्रामीण विकास फंड का इस्तेमाल किया। लेकिन जब कैप्टन अमरिंदर सिंह 2017 के चुनाव में बड़े-बड़े वादे कर रहे थे तो उन्होंने अपने घोषणा पत्र में इसका जिक्र क्यों नहीं किया कि कर्जमाफी के लिए पैसा कहां से आएगा।'' उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के साथ मिलकर पंजाब के खिलाफ साजिश की है।
आप नेता ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से भी पूछा कि जब पनग्रेन के कर्मचारियों ने उनसे संपर्क किया और उन्हें फंड जारी करने के लिए कहा, तो चन्नी की कांग्रेस सरकार ने फिर से मामले की अनदेखी क्यों की? या ऐलान जीत सिंह लोगों को गुमराह करने के लिए प्रोपोंडा करने में इतने व्यस्त थे कि उन्हें असली मुद्दे को सुलझाने का मौका ही नहीं मिला। हरपाल चीमा ने कहा कि पहले प्रकाश सिंह बादल और फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने राजनीतिक हितों के लिए पंजाब के खजाने,प्राकृतिक संसाधनों और फंड्स का जमकर दुरुपयोग करते रहे। उन्होंने कहा कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद प्रत्येक विभाग में हुई हेरा फेरी और घोटलों का निष्पक्ष जांच होगी और पंजाब के हितों को अनदेखी कर अपनी जेबें भरने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चीमा ने केंद्र सरकार के फंड रोकने के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि पैसा पंजाब का है और बादल और कैप्टन की गलतियों की सजा पंजाब की जनता को देने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब विरोधी केंद्र सरकार सिर्फ पंजाब के अधिकारों पर हमला करने के बहाने ढूंढती है। अकाली दल और कांग्रेस दशकों से इन बहानों को थाली में सजाकर केंद्र सरकारों को परोस कर दे रही है। चीमा ने सवाल किया कि सुरक्षा का बहाना बनाकर रैली रद्द करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने 36 हजार करोड़ के विकास कार्यों के लिए फंड कहां से देना था। जबकि धान की खरीद के बाद पंजाब को मिलने वाले 1100 करोड़ के फंड को देने से केंद्र सरकार पहले ही पल्ला झाड़ चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब के साथ भेदभाव बंद कर ग्रामीण विकास फंड को तुरंत जारी करना चाहिए।
Source : News Nation Bureau