आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के द्वारा राजधानी चंडीगढ़ से सटे जिला एस.ए.एस नगर (मोहाली) के इलाके में 900 एकड़ सरकारी और शामलाती भूमि पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा अवैध कब्जे के संबंध में किए गए खुलासे पर नोटिस लेते हुए सख्त टिप्पणी की. मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से तत्काल कार्रवाई की मांग की और उनसे पूछा कि वे दो पूर्व मुख्यमंत्री कौन हैं जिन्होंने एक जिले में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की ज़मीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि ऐसे कौन से कारण या मजबूरियां हैं कि सरकार इतने बड़े भू-माफियाओं के खिलाफ अभी तक कोई करवाई कर पाई है?
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मान ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में कहा कि न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि 1.5 लाख करोड़ रुपये की 900 एकड़ भूमि का अधिग्रहण केवल दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और उनके परिवारों द्वारा किया गया है. रिपोर्ट में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम जरूर बताए गए होंगे.
कांग्रेस पार्टी और नवजोत सिंह सिद्धू को यह बताना चाहिए कि वे दोनों नामों को सार्वजनिक करने से क्यों हिचक रहे हैं. मान ने कहा कि अगर सरकारों में हिम्मत हो तो उक्त दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के अवैध कब्जे को हटाकर पंजाब के सभी किसानों और खेत मजदूरों का लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये का पूरा कर्ज माफ किया जा सकता है.
मान ने कहा कि 2013 में गठित न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह आयोग ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को चंडीगढ़ के आसपास की सरकारी और सांप्रदायिक भूमि पर राजनेताओं, उच्च अधिकारियों और उनके अन्य साथियों द्वारा अवैध कब्जे पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन 8 साल से ज्यादा समय बीतने के बावजूद भी कांग्रेस और शिअद-भाजपा सरकारों ने इस रिपोर्ट पर कार्रवाई करने का साहस नहीं दिखाया, क्योंकि सत्ताधारी दल भू-माफियाओं के नियंत्रण में है.
उन्होंने कहा कि यदि एस.ए.एस नगर (मोहाली) की सरकारी व साम्प्रदायिक जमीनों पर नामी नेताओं और सरकारी अधिकारियों समेत बड़े नेताओं का अवैध कब्जा खाली करवाई जाए या उसकी बाजार कीमत वसूल किया जाए तो किसानों, मज़दूरों और दुकानदारों समेत सरकार के ऊपर पड़े 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी उतरा जा सकता है.
जस्टिस कुलदीप सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक अकेले मोहाली जिले में 25000 एकड़ से ज्यादा सरकारी और सांप्रदायिक जमीन पर या तो अवैध कब्जा किया गया है या फिर राजस्व रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर जमीनों का दुरूपयोग किया गया है. इन अरबों रुपये को वापस सरकारी नियंत्रण में लाने के लिए राजनीतिक ईमानदारी और इच्छाशक्ति की जरूरत है, जो न तो कांग्रेस और न ही बादल-भाजपा के पास है.
मान ने कहा कि यहां नवजोत सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब के महाधिवक्ता डी.एस.पटवालिया की भी परीक्षा होगी. क्योंकि डी.एस. पटवालिया जस्टिस कुलदीप सिंह के बेटे हैं. आप नेता ने नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को चुनौती देते कहा कि वे दो पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित सभी कब्जेदारों के नाम सार्वजनिक करें और राज्य के लोगों को कार्रवाई की समय सीमा के बारे में बताएं.
उन्होंने कहा कि जब तक दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम जनता को नहीं पता चलेगा तब तक ओपी भार्गव से लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके परिवार के लोग इन गंभीर आरोपों से मुक्त नहीं हो सकते. भगवंत मान ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सभी परिवारों से भी इस मुद्दे पर आगे आने की अपील की ताकि लोग उन्हें भू-माफिया के रूप में न देखें.
उल्लेखनीय है कि 29 मई 2012 को उच्च न्यायालय के आदेश पर न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह आयोग का गठन किया गया था, जिसने 1 मार्च 2013 को अपनी पहली और जुलाई 2013 को दूसरी और अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, लेकिन पिछले सरकारों द्वारा आज तक रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
HIGHLIGHTS
- दो मुख्यमंत्रियों समेत सभी भू माफियाओं के नाम जारी करने की मांग
- मोहाली जिले में 25,000 एकड़ सरकारी जमीन पर राजनेताओं का कब्जा
- पंजाब के किसानों का पूरा कर्ज चुका सकती है लाखों करोड़ रुपए की जमीन