पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) संकट के बीच बड़ा फैसला आखिरकार ले लिया गया है. कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) को पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. साथ ही पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए चार वर्किंग प्रेसिडेंट भी बनाए गए हैं. सूत्रों के अनुसार, अब नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब अध्यक्ष बनने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ( cm Captain Amarinder Singh ) ने सोमवार को अपने खास नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें कह जा रहा है कि वह कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं.
आपको बता दें कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को लेकर केसी वेणुगोपाल की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया है. पत्र में लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह फैसला लिया है. जिन लोगों को प्रदेश में वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया है उसमें संगत सिंह, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा का नाम शामिल है. यानी अब साफ हो गया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amarinder Singh) पंजाब के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और राज्य में कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्दू के हाथ होगी.
सिद्धू ने जीती हारी बाजी
नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन चुके हैं. सिद्धू के साथ 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. सिद्धू के अलावा जो 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं. सिद्धू ने 30 विधायकों से मुलाकात की उसके बाद पासा पलटा और हारी बाजी सिद्धू जीत गए. जानकारों का मानना है कि 30 विधायकों को साथ लाने से सिद्धू ने सियासी समीकरण को बदल कर रख दिया. नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी पर सिद्धू समर्थकों में उत्साह है. अमृतसर से पटियाला तक जश्न में डूबे हुए हैं.
जातीय समीकरण को साधने की कोशिश
वहीं विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी की ओर से पंजाब के तीनों क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है. मालवा क्षेत्र से दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया. जबकि हिंदू चेहरे के तौर पर पवन गोयल को शामिल किया गया है. वहीं सिख चेहरे के तौर पर कुलजीत नागरा को मौका दिया गया है. सुखविंदर सिंह डैनी को दलित कोटे से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ओबीसी कोटे से संगत सिंह कार्यकारी अध्यक्ष बने. इस टीम में कैप्टन गुट के सभी नेताओं को दरकिनार किया गया है.
पंजाब में 'पिक्चर' अभी बाकी है!
करीब 2 महीने से सिद्धू-कैप्टन में वार-पलटवार चल रहा था. सिद्दू की ताजपोशी के बाद भी बवाल बढ़ने की आशंका है. कई कांग्रेसी विधायकों ने सिद्धू का विरोध किया था. रविवार को 10 विधायकों ने कैप्टन का समर्थन किया था. कैप्टन के धुर विरोधी प्रताप सिंह बाजवा भी अब कैप्टन का साथ दे रहे हैं. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू की बयानबाजी से काफी खफा हैं और माफी मांगने की बात कह चुके हैं. बता दें कि बिजली और बेअदबी के मुद्दे पर सिद्धू ने सवाल उठाए थे.
Source : News Nation Bureau