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मुखौटे उतरे, पंजाब के लिए नहीं सिर्फ कुर्सी के लिए लड़ते हैं कांग्रेसीः राघव चड्ढा

राघव चड्ढा ने कहा,‘वैसे तो यह कांग्रेस का अंदरूनी मसला है, परंतु सत्ताधारी पक्ष होने के कारण कांग्रेस की खानाजंगी ने पंजाब का बहुत नुक्सान किया है. आपसी लड़ाई के कारण पंजाब इनके एजेंडे पर नहीं रहा.

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Ritika Shree
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punjab congress ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता, विधायक और पंजाब मामलों के सह-इंचार्ज राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में चल रहे अंदरूनी युद्ध ने एक बात तो स्पष्ट कर दी है कि सत्ताधारी कांग्रेस को पंजाब और लोगों से संबंधित मुद्दों की नहीं, सिर्फ अपनी कुर्सी (सत्ता-शक्ति) की ही फिक्र है. सत्ता में होने के बावजूद भी यह कांग्रेसी साढ़े 4 साल कभी भी पंजाब और पंजाब के लोगों को दरपेश आते मुद्दों के लिए नहीं लड़े, केवल कुर्सी छीनने या बचाने के लिए आपसी युद्ध लड़े हैं. जिस तरह के हालात बने हुए हैं, लग नहीं रहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब प्रदेश कांग्रेस का प्रधान बनने से कांग्रेसी अंदरूनी कलह शांत हो जाएगा.

राघव चड्ढा सोमवार यहां नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और प्रदेश के महासचिव हरचंद सिंह बरसट के साथ भुलत्थ हलके से 2017 में कांग्रेसी उम्मीदवार रहे रणजीत सिंह राणा और कपूरथला के जिला यूथ कांग्रेस के प्रधान एडवोकेट हरसिमरन सिंह घूमण को पार्टी में शामिल करने के उपरांत मीडिया के रूबरू थे. पत्रकारों को प्रतिक्रिया देते हुए राघव चड्ढा ने कहा,‘वैसे तो यह कांग्रेस का अंदरूनी मसला है, परंतु सत्ताधारी पक्ष होने के कारण कांग्रेस की खानाजंगी ने पंजाब का बहुत नुक्सान किया है. आपसी लड़ाई के कारण पंजाब इनके एजेंडे पर नहीं रहा. साढ़े 4 साल की बर्बादी के उपरांत अब उम्मीद करते हैं कि सत्ताधारी कांग्रेस बाकी बचे चंद महीनों का लोगों व प्रदेश की भलाई के लिए सदुपयोग करेगी.’ एक जवाब में राघव चड्ढा ने कहा, ‘नवजोत सिंह सिद्धू को हमारी शुभकामनाएं हैं. देखते हैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ कर सिद्धू पंजाब के सभी ज्वलंत मुद्दों, भ्रष्टाचार व माफिया के साथ कैसे निपटते हैं?’

राघव चड्ढा ने कहा कि सब को पता है कि श्री गुटका साहिब की क़सम खाने के बावजूद कैप्टन और कांग्रेसी रेत माफिया, लैंड माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया, बिजली माफिया, बेरोजगारी, नशे, कर्ज तले दबे किसान-मजदूर, महिलाएं-बुजुर्गों, मुलाजिमों-पैंशनरों यहां तक कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में इंसाफ़ के लिए नहीं लड़े. सिर्फ एक-दूसरे से कुर्सी बचाने या छीनने के लिए ही आपस में लड़े हैं. इस लिए बादलों की तरह कांग्रेस से भी जनता का पूरी तरह से मोह भांग हो गया है. इस लिए लोग विकास का प्रतीक बने अरविंद केजरीवाल की ‘आप’ को बड़ी उम्मीद के तौर पर देख रहे हैं. इस मौके हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जैसे सत्ता के नशे में सभी हदें पार करन वाले बादलों का मुखौटा उतरा था, उसी तरह कुर्सी के लिए लड़ते कांग्रेसियों का मुखौटा उतर चुका है कि कुर्सी की ललक में यह किसी भी हद तक गिर सकते हैं.

HIGHLIGHTS

  • सत्ताधारी कांग्रेस को पंजाब और लोगों से संबंधित मुद्दों की नहीं, सिर्फ कुर्सी की ही फिक्र है
  • केवल कुर्सी छीनने या बचाने के लिए आपसी युद्ध लड़े हैं
  • कांग्रेसियों का मुखौटा उतर चुका है कि कुर्सी की ललक में यह किसी भी हद तक गिर सकते हैं

Source : News Nation Bureau

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