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कांग्रेस सरकार सरपंच-पंचों को न सम्मान दे रही और न ही उचित मानदेय : भगवंत मान

सांसद भगवंत मान ने मांग की है कि चन्नी सरकार बिना देरी किए प्रत्येक सरपंच को कम से कम 25 हजार रुपये और प्रत्येक पंच को कम से कम 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय देकर उनका सम्मान करे.

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Pradeep Singh
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Bhagwant Man

भगवंत मान( Photo Credit : News Nation)

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पंजाब की कांग्रेस सरकार प्रदेश के सरपंचों-पंचों को न ही सम्मान दे रही है और न ही उचित मानदेय. जबकि सरकार अपने मंत्रियों और विधायकों को नई कारें और अन्य भत्ते देकर सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ डालने में जुटी है. आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने मांग की है कि चरणजीत सिंह चन्नी सरकार बिना देरी किए प्रत्येक सरपंच को कम से कम 25 हजार रुपये और प्रत्येक पंच को कम से कम 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय देकर उनका सम्मान करे.

वीरवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में सांसद भगवंत मान ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों का ढिंढोरा पीटने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार ने सरपंचों और पंचों को उचित मानदेय नहीं दिया. जबकि महात्मा गांधी कहते थे कि हर ग्रामीण को अधिक से अधिक आमदनी और रोजगार दिया जाए. मान ने कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश के सरपंचों को प्रति माह 1200 रुपये मानदेय दे रही है. लेकिन यह मामूली भत्ता भी सरपंचों को बीते तीन वर्ष से प्राप्त नहीं हुआ है और सरकार गांवों के पंचों को एक कौड़ी तक भी नहीं देती.

दूसरी तरफ नगर काउंसिल और नगर निगम (म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन) के मेयर व सदस्यों को प्रति महीना मानदेय मीटिंग में दिया जाने वाला भत्ता और मोबाइल खर्च भी सरकार द्वारा दिया जाता है. उन्होंने सवाल किया कि चीनी सरकार सरपंचों और पंचों को लोगों के चुने हुए नुमाइंदे क्यों नहीं मानती? कांग्रेस सरकार मंत्रियों, विधायकों, मेयर और काउंसलरों की तरह सरपंचों-पंचों को उचित भत्ते क्यों नहीं देती?

सांसद ने कहा कि चन्नी सरकार ने प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों को नई लग्जरी कारें, वेतन और गाडिय़ों समेत अन्य प्रकार के भत्तों के लिए सरकारी खजाने के दरवाजे खेले हुए हैं. लेकिन सरपंचों को नाम मात्र मानदेय देने के समय खजाना खाली हो जाता है. उन्होंने कहा कि चन्नी सरकार पंजाब के खजाने की लूट तुरंत बंद करे और पंजाब के विकास समेत सरपंच और पंचों को उचित मानदेय दे, ताकि उन्हें भी किसी संवैधानिक पद पर बैठने का सम्मान महसूस हो सके.

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भगवंत मान ने कहा कि सरपंचों को हर दिन सरकारी और गैर सरकारी मुलाजिमों के गांव आने पर मेजबानी करनी पड़ती है और ग्रामीणों के कामों के लिए कचहरी, थानों व तहसील समेत अन्य विभागों में जाना पड़ता है. सूरज चढ़ते ही सरपंच का खर्चा शुरू हो जाता है. मान ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश पंचायत सदस्यों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इस कारण सरकार पंचायत सदस्यों के मानदेय में बढ़ोतरी कर प्रत्येक सरपंच को कम से कम प्रति माह 25 हजार और प्रत्येक पंच को कम से कम 10 हजार रुपये मानदेय देने का प्रबंध करे.

HIGHLIGHTS

  • सरपंच को कम से कम 25 हजार और पंच को 10 हजार रुपये प्रति माह दे सरकार
  • कांग्रेस सरकार मंत्रियों, विधायकों और काउंसलरों की तरह सरपंचों-पंचों को दे उचित भत्ता
  • चुने हुए नुमाइंदों का अपमान है मानदेय का न मिलना
AAP leader Bhagwant Mann Congress government sarpanch and panch
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