आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने बादलों की पिछली अकाली-भाजपा सरकार, कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस सरकार पर पिछले 7 सालों से गुरु नानक नाम लेवा सिख सिंग की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. चीमा ने कहा कि पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना हुई, फिर इंसाफ की मांग कर रहे सिख संगत पर गोलिया चलाकर उनकी हत्या कर दी गई. इन सभी दुखद घटनाओं को सात साल बीत चुके हैं, लेकिन नानक नाल लेवा सिख संगत का इंसाफ नहीं मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि बेअदबी व अन्य घटनाओं की जांच के लिए विशेष जांच कमेटियों, सीबीआई जांच और जस्टिस रणजीत सिंह जांच आयोग का गठन किया गया, लेकिन दोषियों को सजा नहीं मिली.
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हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया, '' बेअदबी और पुलिस गोलीकांड की जांच एक निश्चित दिशा की ओर जाती है. साथ ही यह दिशा एक राजनीतिक परिवार और उसके सहयोगियों के लिए ठीक नहीं बैठती, जिस कारण या तो जांच रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जाता या फिर पूरी जांच रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया जाता है. यह सब कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस द्वारा रची साजिश के तहत किया जाता है, क्योंकि बादल और कैप्टन को एक दूसरे को बचाने का लंबा इतिहास रहा है।'' चीमा ने कहा कि यह केवल पंजाब में सिख धर्म का मामला नहीं है, बल्कि हिंदू और इस्लाम धर्म की भी है क्योंकि वर्ष 2015 और 2017 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा भगवत गीता और पवित्र कुरान की बेअदबी करने की करीब 170 से अधिक घटनाएं सामने आई थी.
आप नेता ने कहा कि विशेष जांच कमेटी, जांच पैनल और जांच आयोग की रिपोर्ट बेअदबी की घटना और गोली कांड जैसी घटनाओं में पुलिस की गंभीरता की कमी और राजनीतिक दखलअंदाजी का जिक्र कर चुकी है. इन जांच रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी समेत कई अन्य राजनीतिक नेताओं के नाम सामने आए हैं. सिखों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई की गई है.
Source : News Nation Bureau