पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) की कैबिनेट में किन चेहरों की जगह दी जाए, इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान का मंथन जारी है. जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल के गठन में देरी हो सकती है. इसकी वजह है कि कैबिनेट में कोई ऐसा चेहरा शामिल ना दो जिस पर कोई विवाद हो. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जिन कांग्रेस विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जाना है पार्टी ने अभी के नामों को अंतिम रूप नहीं दिया है. मंत्रियों के नाम को लगातार बैठकों का दौर जारी है.
जानकारी के मुताबिक पिछले दो दिनों में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, उनके दो डिप्टी सीएम और पीपीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा सांसद अंबिका सोनी (Ambika Soni) और महासचिव प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) से दिल्ली में दो अलग-अलग बैठकों में मुलाकात की है. आलाकमान की ओर से पहले ही इस बात के निर्देश दिए जा चुके हैं कि विधायकों का पहले सर्वे कराया जाए. मंत्रियों के नाम के लिए उन्हीं चेहरों को आगे किया जाए जिन पर किसी भी तरह का विवाद ना हो. दागी चेहरों को मंत्रिमंडल से दूर रखने के लिए कह दिया गया है.
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भ्रष्टाचार और सत्ताविरोधी लहर पर भी चिंता
सूत्रों का कहना है कि वैसे तो कोशिश की जा रही है कि कैप्टन अमरिंदर की कैबिनेट में शामिल रहे अधिकांश मंत्रियों को फिर से कैबिनेट में शामिल कर लिया जाए लेकिन जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही आलाकमान चाहता है कि जिन चेहरों को शामिल किया जाए वह सभी मंत्री लोकप्रिय हों और चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना न करना पड़े.
अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं.
117 विधायकों वाले सदन में कैबिनेट में सीएम समेत कुल 18 मंत्री हो सकते हैं. इनमें से मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं. ऐसे में 15 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. एक सूत्र ने कहा कि राजभवन कम से कम 24 घंटे की पूर्व सूचना चाहता है क्योंकि अगर 15 मंत्री शपथ लेते हैं तो उन्हें कम से कम 150 मेहमानों की व्यवस्था करनी होगी. सूत्रों ने बताया कि अगर राहुल बुधवार को सूची को हरी झंडी दे देते हैं तो गुरुवार से पहले मंत्री शपथ नहीं ले पाएंगे.