आम आदमी पार्टी (आप)पंजाब के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और सांसद भगवंत मान ने कहा कि सत्ता हाथ से जाती देख सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं को पंजाब की चिंता सताने लगी है. इसीलिए कांग्रेस नेता राज्य में नशा माफिया और नशे के कहर की दुहाई देने लगे हैं. मान ने कहा कि कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला के पंजाब पुलिस प्रमुख को लिखे पत्र से साबित हो गया है कि कांग्रेस के शासन में नशे का अवैध कारोबार जमकर हुआ है. ड्रग माफिया और सत्ताधारी नेता आपस में मिले हुए हैं. मान ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को अब पंजाब के मुद्दों की चिंता करनी छोड़ देनी चाहिए.
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गुरूवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में भगवंत मान ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने 2007 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में पंजाब से नशा खत्म करने के लिए गुटका साहिब की कमस खाई थी. कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में पांच साल तक कांग्रेस नेता सत्ता का आनंद लेते रहे. न तो प्रदेश से नशा खत्म हुआ और न ही नशा माफिया के संरक्षक नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई. कांग्रेसी नेताओं ने नशा माफिया के साथ मिलकर पंजाब को लूटा और लाखों नौजवानों को नशे के जाल में फंसाया.
उन्होंने कहा कि अब जब पंजाब में कांग्रेस का शासन खत्म हो गया है, कांग्रेस नेता राज्य के पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर उनसे नशा माफिया पर लगाम कसने की बात कह रहे हैं. पुलिस प्रमुख के घर के सामने धरना देने की धमकी दे रहे हैं. मान ने सवाल किया कि कांग्रेस नेता पिछले पांच साल से नेशे के मुद्दे पर चुप क्यों रहे? कांग्रेस नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर के सामने धरना क्यों नहीं दिया? कांग्रेस सरकार ने विशेष जांच टीम की रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
Source : News Nation Bureau