आम आदमी पार्टी(आप)के पंजाब मामलों के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने कांग्रेस पार्टी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया. चड्ढा ने कहा कि कांग्रेस की ओर से विधान सभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे से पार्टी का दलित विरोधी चेहरा सामने आ गया है. कांग्रेस पार्टी ने वोट के लिए एससी भाईचारे का हमेशा इस्तेमाल किया है. कांग्रेस पार्टी ने एससी भाईचारे से आने वाले नेता चरणजीत सिंह चन्नी को सिर्फ कुछ हफ्तों के लिए मुख्यमंत्री बनाया, ताकि वोट बैंक की पॉलिटिक्स पंजाब में की जा सके. पंजाब को जाति और धर्म के नाम पर बांटा जा सके एवं दलितों के वोट लिए जा सके.
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बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राघव चड्ढा ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान दलितों की आवाज नहीं सुनती और हमेशा अपनी परम्परा के अनुसार भाई भतीजा वाद और परिवार को ही बढ़ावा देती है. कांग्रेस के दलित विरोधी होने और परिवार को बढ़ावा देने को लेकर सबूत पेश करते हुए राघव चड्ढा ने बताया कि कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब के सभी बड़े कांग्रेसी नेताओं की मांग के अनुसार उनके भाई-भतीजों, बेटों और दामादों को तो टिकट दे दिए, लेकिन पंजाब सूबे के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने जब अपने भाई के लिए टिकट मांगी तो पार्टी ने टिकट नहीं दी.
उन्होंने पंजाब कांग्रेस के 10 नेताओं का उदाहरण देते हुए बताया कि कांग्रेस ने सुनील जाखड़ के बेटे को अबोहर से, अमर सिंह के बेटे को रायकोट से, एमपी संतोष चौधरी के भतीजे को करतारपुर से तथा बेटे को फिलौर हल्के से टिकट दे दी गई. इसी तरह से अवतार हेनरी के बेटे को जलंधर (रूरल) से, पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ के परिवार की पुत्रवधु कर्ण कौर को, नवजोत सिंह सिद्धू के भतीजे सुमित सिंह को अमरगढ़ से, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भठ्ठल के दामाद विक्रम बाजवा को साहनेवाल से, पूर्व एमएलए सुरजीत धीमान के भतीजे को सुनाम से और ब्रह्म मोहिंद्रा के बेटे को पटियाला (रूरल) से टिकट दे दी गई.
Source : News Nation Bureau