कोरोना महामारी के साथ ही क्या राजनीति का हथियार भी बन गया है? सत्तारूढ़ दल क्या विपक्षी पार्टियों को डराने और उनकी मांग को अनसुना करने के लिए कोरोना महामारी को हथियार के बतौर प्रयोग कर रहे है. पंजाब को देखकर तो यह लगता है. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) लगातार तेजी से संक्रमण फैला रहा है. कई राज्यों में हालात चिंताजनक बन रहे हैं. इस बीच पंजाब (Punjab)से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. शनिवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पंजाब में ऑक्सीजन सपोर्ट (Oxygen) पर भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में 24 घंटे में 264 फीसदी का इजाफा हुआ है. शुक्रवार को राज्य में कुल 62 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे. वहीं शनिवार को यह आंकड़ा 226 हो गया. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में कोरोना वायरस (Corona Cases in Punjab) स्थिति बिगाड़ रहा है.
आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 1 जनवरी को ऑक्सीजन सपोर्ट पर 23 मरीज भर्ती थे. 1 जनवरी को राज्य में 332 कोरोना केस सामने आए थे. शुक्रवार को राज्य में 2901 कोरोना केस आए. शनिवर को यह संख्या बढ़कर 3643 हो गई. शुक्रवार को लेवल 3 सपोर्ट पर 20 मरीज थे. शनिवार को इनकी संख्या बढ़कर 55 हो गई. यह 175 फीसदी का उछाल है. वहीं इसी अवधि में वेंटिलेटर पर कुल 11 मरीज भर्ती हुए, जो शुक्रवार को 6 थे. 1 जनवरी को कोई भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं था. हालांकि 18 मरीज लेवल 3 सपोर्ट पर थे.
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वहीं चंडीगढ़ के स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है. प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार सभी शिक्षण संस्थानों को शैक्षणिक और शिक्षण गतिविधियों को ऑनलाइन मोड में संचालित करने का आदेश दिया गया है.
पंजाब में शनिवार को पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 14.64 फीसदी हो गई थी. शुक्रवार को यह 11.75 फीसदी थी. 1 जनवरी को राज्य में पॉजिटिविटी रेट 2.02 फीसदी थी. पंजाब में सबसे अधिक कोरोना केस चार जिलों में सामने आ रहे हैं. इनमें पटियाला में 840 केस, मोहाली में 563 केस, लुधियाना में 561 केस और अमृतसर में 346 केस हैं.