पंजाब में इस समय धर्मांतरण का मुद्दा बेहद गंभीर रूप इख्तियार किये हुए है खास तौर पर ईसाई मिशनरियों द्वारा सीमावर्ती गांवों के दलित और गरीब लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. इन गांवों के कुछ लोगों से हमने बातचीत की जिन्होंने हैरान करने वाले तथ्य बताए. गांव खासा के रहने वाले यह है मंजीत सिंह जो एक हैल्थ क्लब चलाते है. मंजीत सिंह की माता ने उस समय मसीह धर्म अपना लिया था. जब वह सिर्फ दो महीने का था. मंजीत सिंह के मुताबिक वो एक फौजी का पुत्र है. जिनकी मृत्यु हो चुकी थी तो उनका घर परिवार उसकी माँ के कहे अनुसार ही चलता था.
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इसलिए वो 35 वर्ष तक ईसाई धर्म मे ही रहे उसकी माँ ने उसके पिता का फौज से मिला सारा पैसा मिशनरियों पर बर्बाद कर दिया. उसे लालच दिया गया था कि प्रभु यीशु के साथ स्वर्ग में उसका घर त्यार कर दिया गया है. जहां वह यीशु के साथ रहेगी. लेकिन अब मंजीत सिंह की आंखे खुल चुकी है और अब वह सिख धर्म की मुख्य धारा में वापिस लौट चुका है और दूसरों को भी सन्देश दे रहा है.
सतनाम सिंह नाम के व्यक्ति ने बताया कि रिलिजियस स्टडीज में ग्रेजुएशन की है और करीब सभी धर्मों की किताबें पड़ी है. लेकिन इससे पहले सतनाम सिंह ने भी मसीही धर्म को अपना लिया था. सतनाम को भी यही बताया गया था कि जिसकी प्रभु यीशु में पूरी आस्था है. उसके लिए परमेश्वर कुछ भी कर सकते है. यहां तक कि मुर्दे को ज़िंदा कर सकते हैं. लेकिन जब अमृतसर के अटारी में एक इसाई जन सभा मे कुछ लोग अपने मृतक परिजन को ले आये और उन्हें धक्के मार कर बाहर निकाल दिया तो उसका दिल टूट गया. उसने वापिस अपने मूल धर्म मे लौटने का फैसला ले लिया.
रिपोर्टर: राजेश गिल
HIGHLIGHTS
- मिशन के रूप में कराया जा रहा लोगों का धर्म परिवर्तन
Source : News Nation Bureau