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एग्जिट पोल: 'उड़ता पंजाब' के सहारे बादल को ले उड़ी केजरीवाल की 'आप'!

अब तक सीमावर्ती राज्य पंजाब का ताज कभी कांग्रेस तो कभी शिअद और बीजेपी गठबंधन के सिर जनता ने सजाया है। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में आप की जबरदस्त एंट्री ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया।

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Jeevan Prakash
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एग्जिट पोल: 'उड़ता पंजाब' के सहारे बादल को ले उड़ी केजरीवाल की 'आप'!

अरविंद केजरीवाल, फाइल फोटो (Image Source- Gettyimages)

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अब तक सीमावर्ती राज्य पंजाब का ताज कभी कांग्रेस तो कभी शिरोमणी अकाली दल (शिअद) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन के सिर जनता ने सजाया है। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जबरदस्त एंट्री ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया। एग्जिट पोल के नतीजे ने शिअद बीजेपी गठबंधन को तीसरे नंबर पर रखा है। जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) में कड़ा मुकाबला है।

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एग्जिट पोल के नतीजे के मुताबिक अगर विधानसभा चुनाव के परिणाम आते हैं तो आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय माना जा रहा है। हालांकि 10 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस आप को कड़ी टक्कर दे रही है।

दरअसल 'आप' की एंट्री हमेशा चौंकाने वाली होती है। 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'आप' ने कांग्रेस को जीरो पर समेट दिया था वहीं बीजेपी को 70 सीटों में से मात्र 3 सीटें मिली थी।

'आप' ने 2014 लोकसभा चुनाव में ही पंजाब में अपनी जमीन तैयार कर ली थी। पूरे देश में जहां आप को हार मिली थी तो पंजाब में केजरीवाल के 4 सांसद चुन के आये। यहीं से केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिये तैयारी शुरू कर दी।

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दरअसल आम आदमी पार्टी ने पंजाब को लील रहे 'ड्रग्स' का मुद्दा उठाया। जो बीजेपी और शिअद के लिए दुखती रग पर हाथ रखने के समान था। इसी बीच अनुराग कश्यप की ड्रग्स पर आधारित फिल्म 'उड़ता पंजाब' ने केजरीवाल को मौका दे दिया।

सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर 89 कट लगाये थे। जिसके बाद अनुराग कश्यप ने सेंसर बोर्ड को निशाने पर लिया था। वहीं केजरीवाल ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े लिया था। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, 'उड़ता पंजाब एक बहुत ही ताकतवर फिल्म है और बादल परिवार को भी इसे देखना चाहिए।'

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ऐसा माना जा रहा था कि सेंसर बोर्ड ने पंजाब में ड्रग्स के हालातों को दिखाती इस फिल्म को लेकर इसलिए आपत्ति जताई थी क्योंकि इससे राज्य सरकार की काफी फजीहत होती दिख रही थी।

ड्रग्स की लत में पंजाब!

पंजाब में हर साल 7,500 करोड़ रुपए के ड्रग्स का कारोबार होता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में ड्रग्स और दवाइयों की लत के शिकार में लगभग 2.3 लाख लोग हैं। जबकि लगभग 8.6 लाख लोगों को लत तो नहीं है लेकिन वो नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लगभग 89 प्रतिशत शिक्षित युवा पंजाब में नशे के आदि हैं। औसतन 1 व्यक्ति पंजाब में नशे पर 1400 रुपए रोजाना खर्च करता है।

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कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पंजाब में ड्रग्स के उपयोग को लेकर बादल परिवार को जिम्मेदार ठहराती है। आप का कहना है कि पंजाब सरकार में मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया और सरवन सिंह फिल्लौर भी तस्करी में शामिल हैं। मजीठिया रिश्ते में पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साले हैं।

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आम आदमी पार्टी(आप) का दावा है कि मजीठिया के सियासी रसूख के कारण केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसी कार्रवाई नहीं कर पाती है। पंजाब के विजिलेंस विभाग की जांच में पकड़े गए ड्रग्स तस्कर जगदीश सिंह भोला ने पूछताछ में विक्रम सिंह मजीठिया और सरवन सिंह फिल्लौर का नाम लिया था। आम आदमी पार्टी का कहना है कि सरकार बनते ही वह मजीठिया पर कार्रवाई करेगी और जेल भेजेगी।

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पंजाब के वोटर्स के सामने ड्रग्स बहुत बड़ा मसला रहा है। जिसे शायद आम आदमी पार्टी भूनाने में कामयाब रही है।

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HIGHLIGHTS

  • एग्जिट पोल के नतीजे के अनुसार 'आप' और कांग्रेस में कड़ी टक्कर
  • बीजेपी-शिअद गठबंधन को एग्जिट पोल ने तीसरे स्थान पर रखा
  • आम आदमी पार्टी पहली बार पंजाब विधानसभा चुनाव में आजमा रही है हाथ

Source : Jeevan Prakash

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