आम आदमी पार्टी (Aam Admi party) ने मंगलवार, 18 जनवरी को संगरूर से अपने सांसद भगवंत मान (Bhagwant mann) को पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab assembly polls) के लिए अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया है. जिन लोगों ने भगवंत मान के करियर को करीब से देखा है, वे जानते हैं कि अगर अभिनेता से नेता बने अभिनेता के लिए कुछ सच है, तो इसका विपरीत भी अच्छा हो सकता है. सीएम फेस का चेहरा घोषित हो जाने के बाद अब चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या भगवंत मान के सीएम फेस (Cm face) घोषित हो जाने के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी और भी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी. फिलहाल यह तय है कि भगवंत मान के सीएम फेस घोषित किए जाने के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल जरूर पैदा हो गई है.
यह भी पढ़ें : पंजाब में भगवंत मान होंगे आम आदमी पार्टी का CM चेहरा
एक फोन लाइन सर्वेक्षण में 93 प्रतिशत से अधिक लोगों ने उन्हें वोट दिया है, जिसके बाद उन्हें पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा नामित किया गया. एक कॉलेज से ड्रॉपआउट होने वाले मान भारत के सबसे लोकप्रिय स्टैंडअप कॉमेडियन बनकर उभरे थे और फिर पंजाब में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के भीड़-भाड़ वाले नेता बन गए. सक्रिय राजनीति के साथ मान की शुरुआत 2011 में मनप्रीत सिंह बादल की पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के साथ हुई. हालांकि मान का वह पदार्पण पूरी तरह असफल रहा. मान एक साल बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी सीट नहीं जीत सके, लेकिन जब वह मार्च 2014 में आप में शामिल हुए, तो मान ने अपने गृह जिले संगरूर से दो लाख से अधिक मतों के अंतर से लोकसभा में प्रवेश किया. राजनीति में मान 2019 में AAP के लोकसभा चुनाव में एकमात्र आशा की किरण थे. उन्होंने इस संगरूर सीट को एक लाख से अधिक वोटों के कम अंतर के साथ बरकरार रखा. पंजाब में मान की लंबी-चौड़ी फैन-फॉलोइंग है.
क्या अलग छाप छोड़ेंगे भगवंत मान
भगवंत मान को अक्सर उनके विरोधियों द्वारा नशे की हालत में प्रेस के पास पहुंचने का आरोप लगाया जाता रहा है. मान का विवादों का पुराना नाता रहा है. वर्ष 2019 में पंजाब में एक रैली में भगवंत मान ने घोषणा की है कि उन्होंने फिर कभी शराब का सेवन नहीं करने का संकल्प लिया था. रैली में मौजूद अरविंद केजरीवाल ने इस बड़े बलिदान के लिए मान की प्रशंसा की थी. हालांकि, ऐसा लग रहा था कि वह इस पर अड़े नहीं थे, जैसा कि कांग्रेस और भाजपा में उनके विरोधियों द्वारा नियमित रूप से बताया गया है. मान का राजनीति में प्रवेश एक दशक पहले 2011 में पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब से हुआ था. उन्होंने पहली बार 2012 में पंजाब के लेहरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. हालांकि, वे असफल रहे. आप ने 2014 में मान को चुना था. उन्होंने 2014 में संगरूर निर्वाचन क्षेत्र से आम चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा था. उन्होंने उसी सीट से 2019 में अपनी सफलता को दोहराया और वर्तमान में पंजाब से आप के एकमात्र सांसद हैं.
क्या चुनाव में चलेगा मान का जादू ?
वर्ष 2015 में मान और उनकी पत्नी ने तलाक के लिए अर्जी दी थी. उनके दो बच्चे हैं, एक बेटी और एक बेटा, जो विदेश में रहते हैं. भगवंत मान के लिए इस बार चुनौती महत्वपूर्ण है. पिछले और इस विधानसभा चुनाव के बीच लड़ाई बहुध्रुवीय हो गई है और पंजाब में आप के गौरव माने जाने वाले मान को राज्य में आम आदमी पार्टी को पंचकोणीय मुकाबले से आगे बढ़ाना है.
HIGHLIGHTS
- एक फोन लाइन सर्वेक्षण में 93 प्रतिशत से अधिक लोगों ने मान को दिया वोट
- मान की राजनीतिक शुरुआत 2011 में पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के साथ हुई थी
- पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत मान के लिए इस बार चुनौती महत्वपूर्ण