आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने पावरकॉम में लंबे समय से आउटसोर्स पर करीब आठ वर्ष से काम कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटर और नोडल कंप्लेंट सेंटर के कर्मचारियों को पक्का करने की मांग की है. आप से विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पहले बादल सरकार और फिर कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने साढ़े चार साल आउटसोर्स कर्मचारियों को चिंतामुक्त करने के बजाए हाशिए पर ला खड़ा किया है. वीरवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों ने उन्हें पत्र लिखकर अपनी चिंता साझा की.
कई कर्मचारियों की आयु 32 वर्ष से भी अधिक हो चुकी है और उनका वेतन भी दस हजार रुपये ही है. अमन अरोड़ा ने कर्मचारियों की नाजुक आर्थिक स्थिति की गंभीरता को भांप चन्नी सरकार से उन्हें पक्का करने की मांग की है. ऐसा करने से सरकार पर कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा.
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अमन अरोड़ा ने कहा कि बादल सरकार ने शासन के दौरान कर्मचारियों की सुध नहीं ली और सरकार के घर बैठने के दिन आए तो कर्मचारियों को गुमराह करने के लिए एक्ट 2016 के तहत रेगुलर करने को नोटिफिकेशन जारी कर दी. अरोड़ा ने कहा कि सत्ता में आई कांग्रेस की कैप्टन सरकार भी आउटसोर्स कर्मचारियों को कोरोना काल में फ्रंट लाइन वर्कर का नाम देकर पीठ थपथपाती रही लेकिन उनके घर के चुल्हे कैसे जलेंगे, इस संबंध में कोई काम नहीं किया.
HIGHLIGHTS
- बादल सरकार की तरह कांग्रेस सरकार ने भी कंप्यूटर ऑपरेटरों को अंधेरे में रखा
- कांग्रेस सरकार ने रेगुलर करने के नाम पर किया गुमराह
- कर्मचारियों को पक्का करने से सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा