दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की बैठक से पहले, चार बागी कैबिनेट मंत्री और 3 विधायकों ने जो राज्य में सीएम बदलने की मांग कर रहे थे, देहरादून में एआईसीसी महासचिव हरीश रावत से मुलाकात की. पंजाब सरकार के 4 कैबिनेट मंत्रियों और 3 विधायकों के साथ हुई बैठक के बाद हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा कि बैठक की जानकारी सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी दी गई है. नाराज नेताओं की बात हाईकमान को भी बताई गई है. अगले 2 या 3 दिन में वो दिल्ली जाकर आलाकमान से मुलाकात करेंगे. हरीश रावत का कहना है कि ये घर का झगड़ा है, सुलझ जाएगा.
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पंजाब के सीएम की कार्यप्रणाली से नाराज मंत्रियों और विधायकों के साथ मीटिंग करने के बाद पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि 4 मंत्री और 3 विधायक मुझसे मिले. उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि वे राज्य में पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि वे किसी के खिलाफ नहीं हैं, वे एक स्पष्ट रोडमैप के साथ चुनाव में लड़ना चाहते हैं, ताकि हम जीत सकें. उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में पार्टी या सरकार को कोई खतरा नहीं है. हमारी जीत की संभावना को भी कोई खतरा नहीं है. ये लोग खुद हमारी जीत के मौके देंगे. हल निकाला जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि मंत्रियों और विधायकों को राज्य और जिला प्रशासन के कामकाज के बारे में कुछ शिकायतें भी थीं. अगर कोई कांग्रेस विधायक खुद को असुरक्षित समझता है और सोचता है कि प्रशासन उन्हें हराने या उनके खिलाफ काम करने की कोशिश कर सकता है, तो यह चिंता का विषय है. कैबिनेट मंत्री चरणजीत चन्नी ने हरीश रावत से मुलाकात को सफल बताया. उन्होंने कहा कि हम अपने प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से पूरी तरह सहमत हैं. दिल्ली हाईकमान तक अपनी बात उनके जरिये पहुंचा दी है. पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री और विधायक अब देहरादून से पंजाब के लिए रवाना हो गए हैं.
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आपको बता दें किचार मंत्रियों- तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने एक दिन पहले कहा था कि कम से कम 20 अन्य कांग्रेस विधायकों के समर्थन से उनकी मुख्य मांग मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को बदलने की है. उन्होंने कहा कि वे पार्टी के बीच व्यापक असंतोष से आलाकमान को अवगत कराना चाहते हैं. बंद दरवाजे की बैठक के बाद वे स्पष्ट रूप से कह रहे थे कि पार्टी के लिए सीएम का विकल्प चुनने का समय आ गया है.
उनकी मुख्य परेशानी, मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों के साथ, अधूरे चुनावी वादे थे. खासकर 2015 की बेअदबी और पुलिस फायरिंग के मामलों में कार्रवाई में देरी से भी नाराज हैं. चन्नी ने मीडिया से कहा कि अन्य विधायकों द्वारा अधिकृत पैनल उनकी शिकायतों को सुनने के लिए कांग्रेस आलाकमान से समय मांगेगा, अन्यथा पार्टी के लिए पंजाब में फिर से आना मुश्किल होगा.
HIGHLIGHTS
- विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में खींचतान शुरू
- पंजाब के चार मंत्रियों और 3 विधायकों ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी से की मुलाकात
- ये घर का झगड़ा है, सुलझ जाएगा : हरीश रावत