पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लि. (पीएसपीसीएल) द्वारा चार बिजली उत्पादक प्लांट्स को बिजली खरीद समझौते (पीपीए) रद्द करने के संबंध में कई बार नोटिस भेजे गए.. लेकिन सरकार के सिर पर जूं नहीं रेंगी..आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर सबसे पहले बिजली खरीद सौदा रद्द कर दिया जाएगा. पंजाब की कांग्रेस सरकार बिजली की तीन प्रमुख कंपनियों के लिए काम कर रही है. ये बात विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता हरपाल सिंह चीमा ने कही.. उन्होने सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि बिजली प्लांटों पर बिना वजह सरकारी धन लुटाया जा रहा है.. जबकि उनसे सरकार बिजली भी नहीं खरीद रही है..
गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस ने बिजली समझौते रद्द करने के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का काम किया है.. यदि सरकार दुर्गापुर, रघुनाथपुर, बोकारो और मेजा उर्जा बिजली प्लांट के साथ बिजली समझौते रद्द कर सकती है.. तो बादल सरकार द्वारा किए गए खामियों से भरे और महंगे बिजली समझौतों को रद्द क्यों नहीं कर सकती? राज्य की जनता को अब ज्यादा दिनों तक मूर्ख नहीं बनाया जा सकता..
चीमा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री केप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी स्वीकार किया था कि निजी कंपनियों के साथ एकतरफा समझौते पंजाब और पंजाब के लोगों को आर्थिक रूप से लूट रहे हैं.. इसके बावजूद कांग्रेस सरकार के पास वेदांत, जीबीटी और एलएंडटी के साथ किए गए महंगे बिजली सौदों के संबंध में स्पष्ट मकसद और नीति नहीं है..राज्य में आप की सरकार बनेगी तो इस तरह के सभी सौदों को रद्द कर दिया जाएगा..
HIGHLIGHTS
- राज्य सरकार पर तीन प्रमुख कंपनियों के लिए काम करने का लगाया आरोप
- बिजली प्लांटों पर बिजली खरीदे बिना ही लुटाया जा रहा सरकारी धन
- आने वाले चुनाव में जनता खुद देगी कांग्रेस को जवाब