Punjab : देश में पंजाब की छात्र राजनीति में हिस्सा लेते लेते कुख्यात अपराधी से गैंगस्टर बना लॉरेंस बिश्नोई आज आतंक का पर्याय भी बन चुका है. वर्चस्व की लड़ाई में दुश्मनों, विरोधी गैंग्स को निपटाने के जुनून में वो आतंकी गतिविधियों की जांच के दायरे में है. देश विरोधी गतिविधियों के मामले में केस दर्ज करके राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसके खिलाफ जांच में जुट गई है और बीते गुरुवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट के सामने उसके पावर लिंक का खुलासा करते हुए 10 दिन के रिमांड पर ले लिया.
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एनआईए ने कोर्ट को बताया कि हवाला से विदेशी फंडिंग और सीमा पार से आने वाले अत्याधुनिक विदेश हथियार लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर पहुंच रहे हैं, जिससे जाहिर होता है कि उसके पीछे देश विरोधी विदेशी ताकतों का हाथ है. लॉरेंस ताला जो ठहरी संपत गोल्डी बरार आदि कुख्यात गैंगस्टर एक हो चुके हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ विदेश में कनाडा, यूरोप, अमेरिका से ऑपरेट कर रहे हैं.
सिद्दू मूसेवाला मर्डर केस की जांच भले दूसरी एजेंसी कर रही है, लेकिन इस मामले में विदेशी फंडिंग को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की इन्वेस्टिगेशन भी चल रही है. एनआईए ने अदालत को बताया कि लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग सिर्फ दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में संगठित अपराध टारगेटेड किलिंग यानी सुपारी किलिंग तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह देश के लोगों में एक डर पैदा करना चाहते हैं, जिसके लिए यह गैंग देश और विदेश से ऑपरेट कर रहा है. इनके पाकिस्तान से भी लिंक मिले हैं, इसलिए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सेक्शन के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों की जांच की जानी जरूरी है.
यह गैंग देश और विदेश से न सिर्फ फंड एकत्रित कर रहा है, बल्कि अपने गैंग में भर्ती करने के लिए नए युवाओं को भी बरगला रहा है, जिसके लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर बेहद एक्टिव है. इनकी एक्टिविटी देखकर जाहिर होता है कि यह देश के युवाओं को गलत रास्ते पर और देश में आतंक का माहौल बनाने के लिए तैयार कर रहे हैं.
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इस गैंग में पंजाब के लॉरेंस के अलावा विदेश से ऑपरेट कर रहे गोल्डी बरार, काला जठेड़ी, विक्रम बराड़ आदि कुख्यात गैंगस्टर शामिल हैं, जो युवाओं को अपने गैंग में भर्ती करके देश में टेरर एक्टिविटी के लिए तैयार कर रहे हैं.
पंजाब की भटिंडा जेल से लारेंस को एनआईए ने अपनी कस्टडी में ले लिया था, एजेंसी ने कोर्ट को साफ तौर पर बताया है कि इस गैंग के सरगना बिश्नोई गोल्डी बरार आदि कोई जेल से तो कोई विदेश से तो कोई भारत के दूसरे हिस्सों से गैंग ऑपरेट कर रहा है.
भारत NIA को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की मिली 10 दिन की रिमांड
एनआईए के सूत्रों का कहना है कि लॉरेंस गैंग को जिस तरह से विदेशी फंडिंग और हथियार मिल रहे थे, उनके निशाने पर सिद्दू मूसेवाला के बाद कई वीआईपी थे. लॉरेंस बिश्नोई गैंग के देशभर में फैले नेटवर्क के विदेशी लिंक और हवाला फंडिंग को देखते हुए ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इससे पहले अक्टूबर में देशभर में गैंगस्टर्स के 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में गिरफ्तार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की 10 दिन की रिमांड राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है. हालांकि, एनआईए ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की 12 दिन की रिमांड की मांग की थी.
एनआईए के रडार पर कई पंजाबी गायक और संगीतकार
एनआईए का मानना है कि देश विरोधी गतिविधियां, देशभर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का फैलता जाल, 700 से ज्यादा शूटर और पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में काले धन को लगाने का कारोबार, एक ऐसा कॉकटेल है जो देश के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहा है. पंजाब और विदेश में गैंगस्टर्स के अवैध तरीके से अर्जित पैसे को म्यूजिक इंडस्ट्री में लगाने का आरोप है. इस मामले में एनआईए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ करेगी.
इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों से भी कनेक्शन
इससे पहले खुलासा हुआ था कि तिहाड़ जेल में रहते हुए लॉरेन्स बिश्नोई और उसका गैंग इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था. लॉरेंस साल 2014 से जेल में बंद है. उसे पिछले साल दिल्ली की तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन 29 मई को गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के सिलसिले में पंजाब पुलिस उसे 14 जून को गिरफ्तार कर पंजाब ले गई थी.
अब राष्ट्रीय एजेंसी दिल्ली-एनसीआर के गैंगस्टरों की आतंकी संगठनों से लिंक की जांच कर रही है तो उसे दिल्ली लाकर रिमांड पर लिया गया है. इसके तहत गैंगस्टरों के आतंकी कनेक्शन का पता लगाया जा रहा है. एनआईए के वकील ने कोर्ट के सामने कहा कि गैंगस्टर्स को पाकिस्तान से हथियार मिल रहे थे और मुसेवाला जैसे लोगों को टारगेट किया जा रहा है. इस मामले में बड़ी साजिश को लेकर जांच की जा रही है.
बताया जा रहा है कि मामला भारत और विदेशों में स्थित एक आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा रची गई एक साजिश से संबंधित है, ताकि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती की जा सके और सनसनीखेज अपराधों को अंजाम दिया जा सके.
एनआईए को जांच में पता चला कि लॉरेंस अपने भाइयों सचिन और अनमोल बिश्नोई और गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी, काला राणा, बिक्रम बराड़ और संपत नेहरा सहित अन्य सहयोगियों के साथ ड्रग्स व हथियारों की तस्करी और व्यापक जबरन वसूली जैसी आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटा रहे थे.
भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और यूए (पी) अधिनियम 1967 की धारा 17, 18 और 18 बी के तहत 4 अगस्त, 2022 को प्राथमिकी संख्या 238 के रूप में पीएस स्पेशल सेल, दिल्ली में मामला शुरू में दर्ज किया गया था. एनआईए ने 26 अगस्त, 2022 को आरसी-39/2022/एनआईए/डीएलआई के रूप में मामला फिर से पंजीकृत किया.
गैंगस्टर एक दशक से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में लक्षित और सनसनीखेज हत्याओं को अंजाम देने की साजिश सहित कई मामलों में शामिल रहा है. NIA से पहले दिल्ली पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया था. यह कदम केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गैंगस्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश के बाद उठाया गया.