पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को बड़ा झटका लगा है. सिद्धू के सलाहकार रहे बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार डा. प्यारा लाल गर्ग ने भी सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले विवादित टिप्पणी के बाद मालविंदर सिंह माली नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार का पद छोड़ चुके हैं. गर्ग ने कहा कि ऐसे लोग सिद्धू के बहाने उनकी भी आवाज को दबाने में लगे हुए हैं, इसलिए उन्होंने जो सलाहकार बनने की सहमति दी थी वह वापस लेते हैं.
कौन हैं प्यारे लाल गर्ग
डा. प्यारे लाल गर्ग जाने माने सर्जन हैं. वह एजुकेशन एक्टिविस्ट भी हैं. उन्होंने अपने फैसले के बारे में नवजोत सिद्धू को अवगत करवा दिया है. गर्ग के अपने करीबी लोगों से कहा कि उन्होंने पत्र में कहा कि सिद्धू कांग्रेस में नए विचार लाने वाले व्यक्ति हैं, पर उनके खिलाफ गलत खबरों को फैलाकर उन्हें देश से बाहर निकालने की साजिशें रची जा रही हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की कि सिद्धू अपनी गंभीर योजनाओं पर अमल करने में कामयाब होंगे. डा. गर्ग जो पंजाब के हितों, मजबूत संघवाद और समानता के लिए लंबे समय से आवाज उठाते रहे हैं, ने कहा कि वह इन मुददों पर बोलना बंद नहीं करेंगे.
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माली ने भी दिया था इस्तीफा
मालविंदर सिंह माली ने 27 अगस्त को सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके समर्थकों को अली बाबा चालीस चोर की संज्ञा दे दी. इससे पहले माली ने कश्मीर मुद्दे पर विवादास्पद टिप्पणी करके पूरी कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों के निशाने पर ला दिया. उसके बाद उन्होंने इंदिरा गांधी का विवादास्पद कार्टून अपने फेसबुक पेज के कवर पर लगाया था जिसे भारी विरोध के बावजूद अब तक नहीं हटाया है. अमरिंदर सिंह लगातार माली को पद से हटाने के लिए आलाकमान से शिकायत कर रहे थे.
माली यहीं नहीं रुके, उन्होंने कैप्टन की निजी जिंदगी के बारे में भी अभद्र टिप्पणी करने से गुरेज नहीं किया. बुधवार को माली ने कैप्टन और उनके वफादार मंत्रियों पर हमला करते हुए अपने फेसबुक पोस्ट में कैप्टन को ‘अली बाबा’ और उनके समर्थकों को ’चालीस चोर’ करार दिया. माली ने कैप्टन खेमे को चेतावनी देते हुए अपनी पोस्ट में कहा कि नवजोत सिद्धू न तो ‘दूल्हे की तरह काम करेंगे, न ही ’अली बाबा और चालीस चोर की बारात का नेतृत्व करेंगे’. माली ने उन मंत्रियों को चालीस चोर कहा है, जिन्होंने मुख्यमंत्री से माली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.