पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) के मंत्रिमंडल में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की वापसी तय मानी जा रही है. अंतर सिर्फ यह रहेगा कि सिद्धू अपना पुराना विभाग वापस चाहते थे, लेकिन उसके बजाय अब उन्हें दो महत्वपूर्ण विभाग सौंपे जाएंगे. कांग्रेस (Congress) नेतृत्व के सुलह फॉर्मूले के आधार पर बुधवार को चाय की चर्चा पर सीएम और सिद्धू के बीच हुई बातचीत की यह पऱिणति मानी जा रही है. खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह ने इस मुलाकात के बाद 'ऑल इस वेल' का संदेश देता एक ट्वीट किया था. इस क़ड़ी में गुरुवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सिद्धू हमारे साथ हैं, लेकिन उन्होंने अभी कुछ समय मांगा है. गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने पिछले हफ्ते अमरिंदर सिंह और सिद्धू दोनों से मुलाकात की थी.
पौन घंटा चली चाय पर चर्चा
चुनाव से पहले से चल रहे मनमुटाव के बीच आलाकमान के निर्देश पर कई चरणों में कैप्टन साहब और सिद्धू के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघलाने की कोशिश की हुई, लेकिन हर बार बात बीच अधर में ही लटक गया. ऐसे में एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को अपने मोहाली स्थित फार्म हाउस पर चाय पर न्यौता दिया था. इसे स्वीकार कर सिद्धू बुधवार शाम कैप्टन के यहां पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच लगभग पौन घंटे बातचीत हुई. बातचीत के दौरान सिद्धू और कैप्टन ने साथ बैठकर तस्वीर भी खिंचवाई. मुलाकात के बाद सिद्धू बाहर निकले तो मीडिया कर्मियों से बिना बात किए चले गए. इसके बाद कैप्टन से उनकी मुलाकात और पंजाब कैबिनेट में उनकी री-एंट्री को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई.
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सिद्धू को मिलेंगे दो विभाग
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सिद्धू को पंजाब कैबिनेट में दो विभाग दिए जाएंगे. सिद्धू अपने पुराने विभाग वापस चाहते हैं, लेकिन लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें एक फॉर्मूले पर सहमत होने के लिए राजी कर लिया है. सिद्धू के साथ अमरिंदर सिंह से मिलने आए खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है. सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने अपने ट्विटर हैंडल पर दोनों नेताओं की एक तस्वीर जारी कि जिस पर कैप्शन में लिखा है, 'एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर है'.
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सिद्धू ने किया सांकेतिक ट्वीट
इसके साथ ही, सिद्धू ने अपने अंदाज में यह कहते हुए ट्वीट किया, 'आजाद रहो विचारों से, लेकिन रहो संस्कारो से..'. अपना विभाग छीन लिए जाने के बाद जुलाई 2019 में सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. वह स्थानीय निकाय के प्रभारी थे लेकिन तब उन्हें बिजली विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच मतभेद तनावपूर्ण स्थिति में पहुंच गई थी जब सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने टिकट नहीं दिया था. सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात थी.
HIGHLIGHTS
- सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच जमी बर्फ पिघली
- चाय पर चर्चा के बाद बनती दिख रही है बात
- दो विभाग देने की पेशकश, सिद्धु पुराने पर अड़े