पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने इंडियन आर्मी को लेकर विवादित बयान दिया है. वे अपने पति के निर्वाचन क्षेत्र अमृतसर ईस्ट विधानसभा क्षेत्र के निर्माण कार्यों का जायजा लेने और समस्याएं सुनने के लिए पहुंची. वे अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरजीत औजला के लिए भी प्रचार की. इस दौरान उन्होंने वल्ला इलाके के श्मशानघाट में एकत्रित लोगों से कहा कि मैंने इस श्मशानघाट के विकास करवाने के लिए पैसे दिए थे, लेकिन आर्मी वालों ने दीवारें गिरा दीं और काम रुकवा दिया. इसे लेकर मैं तत्कालीन डिफेंस मिनिस्टर और दिवंगत बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर से 10 बार मिली थी. तब पर्रिकर ने मुझे कहा था कि मैडम ये आर्मी वाले ही चोर हैं.
यह भी पढ़ें- हेमंत करकरे पर विवादित बयान देकर फंसी साध्वी प्रज्ञा, कार्रवाई की तैयारी में चुनाव आयोग
पंजाब के लॉकल बॉडी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के निर्वाचन क्षेत्र अमृतसर ईस्ट विधानसभा क्षेत्र के वल्ला में आर्मी का ये कबाड़ असलहा डंप 1965 में बना था. डंप के आसपास के एक हजार गज एरिया में कंस्ट्रक्शन प्रतिबंधित है. इस प्रतिबंध का उल्लंघन कर अगर कोई निर्माण करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसी वजह से इस डंप ग्राउंड के नजदीक श्मशान घाट निर्माण कार्य को भी आर्मी ने मंजूरी नहीं दी है. इसी वल्ला श्मशानघाट को लेकर नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि मैंने इस श्मशान घाट में 12 लाख रुपये के काम शुरू करवाए थे, लेकिन कई बार दीवारें तोड़ दी गईं. आर्मी वालों ने काम रुकवा दिया. तब मैं तत्कालीन डिफेंस मिनिस्टर पर्रिकर से मिली. अपने लोगों के वहां रह रहे होने का हवाला देते हुए उनसे काम नहीं रोकने को कहा. साथ ही सवाल पूछा कि तूने कभी आकर देखा, पहले वहां लोग रह रहे थे या उनका आर्मी असलहा डिपो आया? तुमलोगों का जीना हराम करेगा.
यह भी पढ़ें- गोवा : मंत्री से बेरोजगारी पर सवाल करने पर युवक गिरफ्तार
दो रुपये भी नहीं लगाने देता, तब पर्रिकर ने मेरा बड़ा साथ दिया. बादल साहब के साथ उनकी नाराजगी थी. वो कहते हैं कि हम डंप को उठवा देते हैं, पर हमें सौ एकड़ जगह दिलवा दो. इस पर कहा कि मैं जगह ढूंढ देता हूं, तुम खरीद लो. पर्रिकर की पीठ सुनती है, वो अब दुनिया में नहीं रहे. आर्मी की सारी टीम सामने बिठाई थी. वो कह रहे थे पंजाब सरकार झूठी है. हमारा पहले भी 500 एकड़ उन्होंने मार लिया. अब हम इन्हें कुछ भी नहीं देना चाहते. वैसे वो सौ एकड़ जगह दे देने पर डंप को शिफ्ट करने के लिए कह रहे थे. मैंने भी कहा था, पर बादल साहब ने जमीन नहीं दी.
Source : News Nation Bureau