पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर किसानों की मांगों पर काम करने की मांग की. इनमें आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज फर्जी एफआईआर रद्द करने की मांग शामिल है. सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस हर स्तर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के साथ खड़ी है. उन्होंने राज्य सरकार से कहा, 'हमें और अधिक करना चाहिए' और 'पंजाब में तीन काले कानूनों को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देना चाहिए.' सिद्धू ने 32 कृषि संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दो दिन बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा, 'अनुरोध है कि आप 32 किसान यूनियनों की तरफ से बुलाई गई बैठक में उठाई गईं मांगों पर ध्यान दें और आवश्यक कार्रवाई करें.' सिद्धू ने कहा कि किसान नेताओं ने राज्य में आंदोलन के दौरान हिंसा के मामलों के कारण किसान संघों के खिलाफ दर्ज 'अन्यायपूर्ण और अनुचित' एफआईआर को रद्द करने की मांग की.' सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस और राज्य सरकार ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को समर्थन दिया है. सिद्धू ने कहा, 'फिर भी अप्रिय घटनाओं के कारण कुछ एफआईआर दर्ज की गई हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार अनुकंपा के आधार पर प्रत्येक मामले पर विचार करने और सभी अनुचित मामलों को रद्द करने के लिए एक यूनिट स्थापित कर सकती है. सिद्धू ने राज्य सरकार से केंद्र के अन्याय के खिलाफ लड़ने का अनुरोध किया.
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धु और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तल्खी कम नहीं हुई है. इसके पहले भी सिद्धू के खास सिपाहसालारों ने अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. यहां तक कि सिद्धू की पत्नी ने भी कैप्टन पर तंज कसने में देर नहीं लगाई थी. यह अलग बात है कि पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी सिद्धू और अमरिंदर की रार के बीच फंस गए हैं. उन पर भी सिद्धू कैंप से लगातार हमले हुए. एक लिहाज से पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले मची रार कांग्रेस के लिए खासे संकट का कारण बनती जा रही है. सिद्धू तो खुलकर सीएम अमरिंदर को घेरने में लगे हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- पंजाब में थमती नहीं दिख रही सिद्धू-अमरिंदर की खींचतान
- अब किसान आंदोलन पर कैप्टन को पत्र लिख सिद्धू ने घेरा
- कांग्रेस कृषि कानूनों की मुखालफत कर रहे किसानों के है साथ