राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को शौर्य चक्र से सम्मानित कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या के मामले में एक बड़ी सफलता हासिल की है. एजेंसी ने कहा कि उसने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के दो फरार एक्टिविस्ट को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने संधू की हत्या में अहम भूमिका निभाई थी. एनआईए के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि आतंकवाद निरोधी जांच एजेंसी ने सोमवार को पंजाब के तरनतारन जिले के रहने वाले हरभिंदर सिंह उर्फ पिंडर और नवप्रीत सिंह उर्फ नव को गिरफ्तार किया. उन्हें मोहाली में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है.
अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि नवप्रीत और हरभिंदर चार्जशीटेड आरोपी इंद्रजीत सिंह उर्फ इंदर के करीबी सहयोगी हैं, जिन्होंने संधू की टोह ली थी और उनकी हत्या की साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे. संधू की पिछले साल 16 अक्टूबर को उनके आवास-सह-विद्यालय के बाहर हत्या कर दी गई थी. पंजाब पुलिस ने मामला दर्ज किया था. एनआईए ने इस साल एक जनवरी को मामला दर्ज किया था. एनआईए ने पहले मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
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आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर के महीने में पंजाब में आतंकियों से लोहा लेने वाले शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. जिसके बाद परिवार वाले समेत स्थानीय लोगों में रोष का माहौल था. हत्या के बाद संधू के परिवारवालों ने अंतिम संस्कार करने के लिए मना कर दिया था. बलविंदर सिंह की पत्नी जगदीश कौर ने कहा था कि बलविंदर सिंह ने देश के लिए शहादत दी है. इसलिए उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन और सरकार पर भी सवालिया निशान लगाए थे. उन्होंने कहा था कि हमारे परिवार पर हमलों के 42 एफआईआर दर्ज है. इसके अलावा कई और हमले हमारे उपर हुए, जो रिकॉर्ड में नहीं है. सुरक्षा वापस लेना गलत था.
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उन्होंने यह भी कहा था कि इसके लिए सरकार, प्रशासन और खुफिया एजेंसियां जिम्मेदार हैं. हमने फिर से सुरक्षा की मांग की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सुरक्षा कवच को स्टेटस सिंबल मानने वालों को दिया गया है. जिसे वाकई में जरूरत थी उसे नहीं दिया गया. वहीं मृतक बलविंदर सिंह की बेटी प्रणप्रीत कौर भी कहती है कि अगर हमारे पास सुरक्षा होती तो ऐसा नहीं होता, क्योंकि हत्यारों को प्रतिशोध की आशंका थी. हमने कई ईमेल, लिखित आवेदन भेजे और अधिकारियों से भी मुलाकात की, लेकिन हमें कोई सुरक्षा नहीं मिली.
Source : IANS/News Nation Bureau