पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा कि 2015 गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में जिसका भी नाम सामने आएगा और अगर वह दोषी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पैतृक गांव लांबी में कांग्रेस की रैली को संबोधित करते हुए अमरिंदर ने अकाली दल-बीजेपी सरकार की अगुवाई कर रहे बादल पर बेअदबी मामले को रोकने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करने का आरोप लगाया.
उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन सरकार ने बरगारी में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवाई थी, जिसमें दो युवकों की मौत हुई थी.
अमरिंदर ने कहा, "बरगारी मामले के बाद, अकाली दल के नेतृत्व का पर्दाफाश हो गया था. अकालियों ने लोगों का समर्थन खो दिया. "
अमरिंदर सिंह के गृहनगर पटियाला में 'जबर विरोध' रैली के दौरान अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब कांग्रेस नेतृत्व 'सिख धर्म को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.'
सुखबीर बादल ने कहा, "कुछ ताकतें अकाली दल और 'पंथ' को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं. हमें ऐसी ताकतों के स्वरूप से सतर्क रहना होगा. हमारी पार्टी और हमारी तब की सरकार दुर्भाग्यपूर्ण बेअदबी पर दुखी है. हमारी पार्टी पर कांग्रेस के नेताओं द्वारा बार-बार झूठ बोलकर और लोगों को गुमराह करके इन घटनाओं के लिए आरोप लगाया जा रहा है."
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस किसानों की कर्जमाफी, पंजाब के सभी परिवारों को नौकरी, मादक पदार्थ का उन्मूलन और सभी युवाओं को मोबाइल फोन देने के चुनावी वादे निभाने में विफल रही.
पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष और सांसद श्वेत मलिक ने कहा कि मार्च 2017 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से पंजाब में कोई भी शासन व सरकार नहीं है.
मलिक ने कहा, "सरकार अदृश्य है और मुख्यमंत्री व उनके मंत्री अदृश्य हैं. कांग्रेस विधायक खुद को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं."
लांबी की रैली में कांग्रेस के कई नेताओं ने बेअदबी मामले में अकाली दल खासकर बादल परिवार पर निशाना साधा.
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आम आदमी पार्टी (आप) ने अक्टूबर 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब के अनादर मामले और पंजाब पुलिस गोलीबारी के विरोध में कोटकपुरा शहर से बरगारी गांव तक मार्च निकाला.
Source : IANS