पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने ही पार्टी के 2 विधायकों के बेटों को नौकरी देकर सवालों से घिर गई है. दरअसल राज्य सरकार की तरफ से विधायक राकेश पांडे के बेटे को डायरेक्टर नायब तहसीलदार और विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा के बेटे को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर पद पर नौकरी देने से संबंधित एक प्रस्ताव कैबिनेट में पास हुआ है. इन दोनों विधायक पुत्रों को आतंकवाद पीड़ित परिवार कोटे से नौकरी दी गई है. उनके दादाओं द्वारा किए गए बलिदानों की मान्यता के रूप में करार दिया है. उन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया था.
इन दोनों विधायक पुत्रों को आतंकवाद पीड़ित परिवार कोटे से नौकरी दी गई है.लेकिन पंजाब की कैप्टन सरकार द्वारा लिये गये इस फैसले पर अब कांग्रेस पार्टी के ही नेता सवाल उठा रहे है. पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील झाखड़ ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील करते हुए कहा है कि पार्टी विधायकों के पुत्रों को नौकरी देने के अपने फैसलों पर वो फिर से विचार करें.
पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि सीएम, लोगों की भावना को ध्यान में रखते हुए तुरंत इस नियुक्ति को रद्द कर दें. पार्टी के एक विधायक कुलजीत नागरा ने भी पंजाब सरकार से अपील करते हुए कहा है कि विधायक पुत्रों को नौकरी देने के अपने फैसले को वो वापस ले लें. कांग्रेस विधायक कुलजीत नागरा ने कहा कि मैं पंजाब सरकार से दो विधायकों के बेटों को नौकरी देने के कैबिनेट के फैसले को वापस लेने का अनुरोध करता हूं. वहीं राज्य कांग्रेस प्रमुख के कार्यालय की तरफ से बयान जारी किया गया, 'पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से दो विधायकों के बेटों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के फैसले पर फिर से विचार करने और जनहित में नियुक्तियों को तुरंत रद्द करने का आग्रह किया है.'
इधर पटियाला के सनौर विधानसभा क्षेत्र के चौरा गांव में पत्रकारों से बात करते हुए नवजोत कौर सिद्धू ने इस मामले पर कहा कि बिना योग्यता के किसी को भी कोई पद नहीं दिया जाना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो पहले से ही आर्थिक रूप से संपन्न हैं.
Source : News Nation Bureau