पंजाब कांग्रेस का मामला अब कुछ सुलटता हुआ दिखाई दे रहा है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंत्रिमंडल और संगठन में किसी भी फेरबदल के लिए तैयार बताए जाते हैं, लेकिन उन्हें सत्ता में किसी भी तरह के दो ध्रुव मंजूर नहीं हैं. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार को ही कांग्रेस की तीन सदस्यीय समिति के सामने पेश हुए थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी बात कमेटी के सामने रखी. साथ ही विरोधी खेमे की ओर से उन पर जो आरोप लगाए थे, उनका भी जवाब दिया. कमेटी से बात करने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि राज्य में आने वाले छह महीने में ही चुनाव हैं और ये बैठक उसी सिलसिले में थी.
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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह शुक्रवार को दिल्ली में तीन सदस्यीय कांग्रेस पैनल के सामने पेश हुए, जिसे पार्टी आलाकमान ने अपनी राज्य इकाई में समस्याओं को सुलझाने के लिए बनाया था. ये बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली. पैनल का नेतृत्व राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया, जिसमें कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल भी शामिल रहे. सीएम अमरिंदर सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बैठक अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए थी. ये हमारी पार्टी के भीतर की चर्चा है और मैं इन्हें आपके साथ साझा नहीं कर सकता है.
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पंजाब कांग्रेस में दरार उस समय सामने आई जब राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने परगट सिंह के साथ मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व वाले एक समूह ने राज्य नेतृत्व में जब बदलाव का सुझाव दिया था, उस वक्त अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को पंजाब के नेताओं की शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति गठित करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह को रिप्लेस करने पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को शांत करना चाहती है और बिना किसी बड़े बदलाव के कुछ मामूली समायोजन करके उन्हें पार्टी में बनाए रखना चाहती है. पैनल पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर चुका है, इसके अलावा पंजाब के पार्टी सांसदों और पूर्व राज्य इकाई प्रमुखों से भी मुलाकात कर चुका है. बताया जाता है कि बैठक में मुख्यमंत्री इस बात के लिए सहमत हैं कि वे सरकार और संगठन में फेरबदल कर सकते हैं, लेकिन सरकार में उन्हें दो ध्रूव नहीं चाहिए. इसके साथ ही अमरिंदर सिंह ने ये भी कहा कि उन पर लगातार अकालियों के समर्थन का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि वे खुद ही लगातार अकालियों के निशाने पर रहे हैं. कमेटी ये रिपोर्ट सोनियां गांधी को सौंपेगी और उसके बाद फैसला लिया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- मंत्रिमंडल और संगठन में फेरबदल के लिए तैयार बताए जा रहे हैं मुख्यमंत्री
- अब से करीब छह महीने बाद ही पंजाब में होने हैं विधानसभा चुनाव
- कैप्टन बोले, चुनाव को लेकर बुलाई गई थी बैठक, कुछ बता नहीं सकते
Source : News Nation Bureau